द फॉलोअप डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नाइजीरिया के राष्ट्रपति टीनूबू के बीच एक द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और नाइजीरिया के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। बातचीत में व्यापार, निवेश और डिजिटल सार्वजनिक ढांचे जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।पीएम मोदी जब अबूजा पहुंचे, तो उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। यह 17 साल में पहली बार है, जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पश्चिम अफ्रीकी देश का दौरा किया है। नाइजीरिया में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने पीएम मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे नाइजीरिया और पूरे अफ्रीका के साथ भारत के रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने नाइजीरिया की रणनीतिक अहमियत पर भी जोर दिया, जो अफ्रीका का सबसे अधिक आबादी वाला देश और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।नाइजीरिया में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों ने अब तक 27 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। ये कंपनियां नाइजीरियाई सरकार के बाद देश में सबसे बड़ा रोजगार देने वाला समूह बन गई हैं। बालासुब्रमण्यम ने कहा, "भारत और नाइजीरिया के संबंध ऐतिहासिक हैं। 1958 में नाइजीरिया को स्वतंत्रता मिलने से पहले ही भारत ने लागोस में अपना कार्यालय खोल लिया था। हमारे राजनीतिक और आर्थिक संबंध हमेशा मजबूत रहे हैं और भारतीय कंपनियां नाइजीरियाई अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभा रही हैं।