रांची
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी पर आदिवासियों के प्रति कथित दोहरे रवैये को लेकर तीखा हमला बोला है। रविवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी का आदिवासी प्रेम दिखावा मात्र है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बतौर झारखंड के पहले मुख्यमंत्री, मरांडी ने कोयलकारो परियोजना और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज का विरोध कर रहे आदिवासियों पर गोलियां चलवाई थीं। अब जब वे विपक्ष में हैं, तो आदिवासियों की जमीन की रक्षा की बातें कर रहे हैं, जो पूरी तरह से खोखली और दिखावटी हैं। उनको आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिये।
सुप्रियो ने यह भी कहा कि एकीकृत बिहार के दौरान बाबूलाल मरांडी ने झारखंड आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की थी। उन्हीं के प्रयासों से झारखंड में बिहार राज्य सरकार कार्यान्वयन नियमावली को लागू किया गया था। उस समय झामुमो नेता स्टीफन मरांडी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे।
उन्होंने मरांडी के मुख्यमंत्री कार्यकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस दौर में 104 एमओयू साइन किए गए थे, जो जनविरोधी थे और शोषण का प्रतीक बन गए थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मरांडी रिम्स-2 के निर्माण का विरोध कर रहे हैं, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वयं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को स्वास्थ्य सेवा सुधारने को कह चुके हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी की स्थिति अब ऐसी हो गई है कि उनके अपने नेता भी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे हैं। यही वजह है कि वे अब 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' जैसी स्थिति में आ गए हैं। उन्होंने सवाल किया कि बाबूलाल मरांडी कब तपकरा गोलीकांड और नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज जैसी घटनाओं के लिए राज्यवासियों से माफी मांगेंगे।