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JSSC_JE SCAME : मेहनतकश युवाओं की नौकरी पैसे वालों को बेचने की प्लानिंग थी, हुआ भंडाफोड़

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रांची: 

आप सालों तक कड़ी मेहनत करते हैं। शहर के दबड़ेनुमा कमरों में खुद को किताबों के बीच झोंक देते हैं। माड़-भात और तहरी के सहारे भूखे पेट को तसल्ली दे देते हैं। मां-बाप को फोन पर झूठा दिलासा देते हैं कि सब ठीक है। आप कहीं घूमने नहीं जाते। पिज्जा-बर्गर नहीं खाते। सिनेमा नहीं देखते ताकि पैसे बचें तो उससे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी किताबें खरीद सकें। एक अदद अखबार ले सकें। परीक्षा देने दूर किसी शहर में जाना हो तो किराया जुटा सकें। आप एक अच्छे कल की उम्मीद में अपने आज को कुर्बान करते हैं। तैयारी पूरी करते हैं और परीक्षा देते हैं औऱ फिर पता चलता कि सब एक धोखा था। आप छले गये हैं। परीक्षा तो महज दिखावा था। किसे नौकरी मिलेगी, ये पहले ही तय हो चुका है। आपने जिस नौकरी को पाने के लिए अपने आप को मेहनत की आग में झोंक दिया, वो तो बिक चुका है। हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि आप पर क्या बीतती होगी। हम यहां बात कर रहे हैं जेएसएससी जेई (JSSC JE ) प्रतियोगी परीक्षा की। 


युवाओं के हक की नौकरी की बोली लगाई गई
पता चला है कि झारखंड में जूनियर इंजीनियर (Junior Engineer) की नियुक्ति के लिए हुई परीक्षा तो केवल छलावा थी। सब कुछ पहले ही तय था। एक-एक पोस्ट 15 से 20 लाख रुपये में बिक चुका था। किसी ने आपके हक की नौकरी किसी पैसे वाले को बेच दी। आप सालों तक मेहनत करते रहे और किसी अयोग्य आदमी ने पैसों से नौकरी खरीद ली। वो तो भला हो उन अभ्यर्थियों का जिन्होंने आवाज उठाई। इस पूरे नेक्सस का कच्चा चिट्ठा सामने रखा। चीख-चीखकर अपने साथ हुए अन्याय की कहानी बयां की। हमने भी आपकी आवाज में सुर मिलाया। उसे मजबूत किया। और भला हो रांची पुलिस का भी जिन्होंने तत्परता दिखाई। धर-दबोचा छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले उस प्यादे को जो भ्रष्टाचार के उस बड़े नेक्सस का हिस्सा है। जांच अभी भी जारी है। कई शातिर शिकंजे में कसे जाने हैं। पुलिस का दावा है कि सबका हिसाब होगा। 

3 जुलाई 2022 को किया गया था परीक्षा का आयोजन
दरअसल, 3 जुलाई को झारखंड राज्य कर्मचारी चयन (Jharkhand State Staff Selection Commission) आयोग द्वारा जूनियर इंजीनियर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा के कुछ ही घंटों बाद कई अभ्यर्थियों ने दावा किया कि जेएसएससी-जेई परीक्षा में धांधली हुई है। प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से पहले ही लीक हो चुका था। परीक्षा केंद्र में कई अभ्यर्थी केवल रोल-नंबर लिखकर ही निकल आये तो कइयों ने महज चार से पांच सवालों का ही जवाब दिया। इन्होंने एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया जिसमें जवाब लिखा था। इसमें 1 नंबर भी दिख रहा था। बोकारो औऱ धनबाद से परीक्षा में हुई धांधली की जांच की मांग शुरू हुई। 


मामला राजधानी रांची पहुंचा तो अधिकारियों ने संज्ञान लिया। आखिरकार जेएसएससी के चेयरमैन सुधीर त्रिपाठी (Sudhir Tripathi) ने जांच का आदेश दिया। रांची के नामकुम थाने (Namkum Police Station) में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। पुलिस ने उस नंबर को जांच का प्रारंभिक आधार बनाया जो अभ्यर्थियों द्वारा पेश स्क्रीनशॉट में दर्ज था। पता चला कि वो नंबर किसी रंजीत मंडल नाम के आदमी का है। नंबर ऑफ आ रहा था। जांच हुई तो पता चला कि रंजीत गिरिडीह जिला (Giridih District) के देवरी थानाक्षेत्र अंतर्गत बेंगरा गांव का रहने वाला है। दरअसल, रंजीत वही आदमी है जिसने कई अभ्यर्थियों को परीक्षा शुरू होने से तकरीबन 2 घंटे पहले ही अपने मोबाइल नंबर से उनके मोबाइल नंबर पर प्रश्नों का उत्तर भेज दिया था।

बोकारो के एक अभ्यर्थी ने दावा किया कि उसने परीक्षा केंद्र के बाहर एक दूसरे अभ्यर्थी को प्रश्नों का उत्तर रटते हुए देखा। पुलिस ने रंजीत को ट्रेस किया और ओडिशा से गिरफ्तार किया। रंजीत ओडिशा में अपनी पहचान छिपाकर एक मजदूर की तरह रह रहा था। अब रांची पुलिस की गिरफ्त में है। 

बड़ी रकम में कुछ अभ्यर्थियों के साथ की गई थी डीलिंग
ग्रामीण एसपी नौशाद आलम (Gramin SP Naushad Alam) ने बताया कि रंजीत ने एक-एक अभ्यर्थी से 15 से 20 लाख रुपये तक की डील की थी। फिलहाल, डीएसपी हेडक्वार्टर नीरज कुमार (Neeraj Kumar) की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया है। पुलिस का कहना है कि जेएसएससी-जेई परीक्षा में धांधली करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। प्रतिभाशाली छात्रों के भविष्य और जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले सभी लोग सलाखों से पीछे होंगे। पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है और दूसरी तरफ मामले में सियासत भी हो रही है। 


प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने मामले की CBI जांच की मांग की
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि JSSC JE के प्रश्नपत्र लीक का मामला अत्यंत गंभीर है। इससे राज्य सरकार द्वारा ली जा रही सभी परीक्षाओं पर सवाल खड़ा होता है। युवाओं के आंदोलन के बाद आयोग की नींद खुली लेकिन इसके बावजूद भी अब तक इस परीक्षा को रद्द नहीं किया गया है जिससे प्रतीत होता है कि बड़े रकम की उगाही हुई है। दीपक प्रकाश कह रहे हैं कि हेमंत सरकार अपने वादे के अनुसार एक साल में 5 लाख नौकरी तो दे नहीं पाई लेकिन लगता है 5 लाख रुपए में नौकरी बेचने का काम जरूर कर रही है। उन्होंने कहा कि  जिस प्रकार से JSSC JE परीक्षा में एक बड़ा घोटाला सामने आया है इससे राज्य सरकार की युवाओं को रोजगार न देने की मानसिकता साफ दिखती है। जिस प्रकार से JSSC जैसी संस्था से प्रश्नपत्र चोरी होना यह साफ दर्शाता है की इसमें सत्ताधारी दल के लोग भी शामिल हैं। इसीलिए राज्य सरकार इस JSSC JE परीक्षा को तुरंत रद्द करते हुए इस पूरे मामले की जांच अविलंब CBI से कराए और चोरों को संरक्षण देना बंद करे।

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा हेमंत सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री सह बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी जेएसएससी जेई परीक्षा में हुई धांधली को लेकर हेमंत सरकार पर निशाना साधा। कहा कि भ्रष्टाचार-अक्षमता हेमंत सरकार की पहचान है। JSSE_JE परीक्षा में घोटाले के प्रमाण सामने आ चुके हैं। यह घोटाला ऊंचे स्तर पर सांठगांठ के बिना संभव नहीं है। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ मत करिए। पश्चिम बंगाल की तरह इस मामले की #CBI व #ED जांच की मांग करता हूं। 

 

आखिर कब तक युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ होगा
जेएसएससी जेई परीक्षा में धांधली करने के आरोप में रंजीत मंडल नाम का आदमी रांची पुलिस की गिरफ्त में है। उससे पूछताछ हो रही है। लाखों की डील की गई थी। जांच अभी भी जारी है। पुलिस का कहना है कि रंजीत भ्रष्टाचार के इस समुद्र की महज एक छोटी मछली है। इस नेक्सस में कई बड़ी शार्क भी है। उनको भी जल्दी ही दबोच लिया जायेगा। कार्रवाई हो रही है लेकिन गंभीर सवाल तब भी है कि आखिरकार ये कब तक चलेगा। कब तक मेहनतकश युवाओं का हक दुराचार और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा।

कब तक उन असंख्य युवाओं की जिंदगी के साथ मजाक होता रहेगा जो एक अच्छे कल की चाहत में अपना आज मेहनत की आग में झोंक रहे हैं।