डेस्क:
सियासत क्रिकेट की तरह ही अनिश्चिता से भरी है। यहां कोई किसी का स्थायी दोस्त या स्थायी दुश्मन नहीं होता। यहां रिश्ते, परिस्थितियों और जरूरत के हिसाब से तय होते हैं। जाति से लेकर समुदाय और क्षेत्र तक का आकलन तय करता है कि सियासी पिच पर कौन, कब किसका पार्टनर बनेगा। यहां हमेशा संभावनाओं के द्वार खोलकर रखे जाते हैं। विचारधारा अथवा विवादों की दीवार चाहे जितनी ऊंची खड़ी कर दी जाये, उम्मीद की छोटी सी सुराख छोड़ दी जाती है ताकि आगे सत्ता का गठबंधन किया जा सके।
झारखंड में आजकल कुछ ऐसा ही हो रहा है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच का रिश्ता आजकल प्रेमी और प्रेयसी जैसा है। लड़ाईयां तो हो रही है लेकिन इसमें पीछे प्यार छुपा है। जुबानी जंग तो हो रही है लेकिन उसमें इतनी खटास नहीं कि रिश्ता ही कड़वा हो जाये। समय-समय पर दोनों बताते रहते हैं कि वी कूड बी अ बेस्ट फ्रेंड्स इन फ्यूचर।
व्यक्तिगत रूप से मीटिंग में शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन
रविवार को ही देख लीजिए। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सपरिवार पूरे लाव-लश्कर के साथ देवघर पहुंचे। बाबा मंदिर में माथा टेका। तस्वीरें सामने आई। लोग कुछ समझ पाते, तब तक पता चला कि यहां प्रधानमंत्री का आगमन होना है। 12 जुलाई को। इसकी तैयारियां हो रही है।
रिपोर्ट्स से पता चला कि मुख्यमंत्री यहां पीएम के आगमन को लेकर हो रही तैयारियों की समीक्षा करने और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से जिस प्रकार, एक-एक जगह जाकर तैयारियों का जायजा लिया, लगा ही नहीं कि झारखंड में झामुमो पक्ष और बीजेपी विपक्ष में है।
कहने वाले इसे प्रोटोकॉल बता सकते हैं लेकिन मुख्यमंत्री की गतिविधि बताती है कि ये प्रोटोकॉल से ज्यादा है। दरअसल, हाल ही में मुख्यमंत्री का दिल्ली जाना और गृहमंत्री से मिलना। गृहमंत्री से मुलाकात के बाद केंद्र पर हमलों की तीव्रता कम कर देना।
बीजेपी का भी सरकार पर हमलों में कमी ले आना। सियासत में इसे क्या कहते हैं।
पीएम के दौरे को लेकर सीएम की दिलचस्प सक्रियता
रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देवघर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां परिसदन में डीजीपी नीरज सिन्हा, प्रभारी मुख्स सचिव अरुण सिंह, डीसी मंजूनाथ भजंत्री, एसपी सुभाषचंद्र जाट और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की मौजूदगी में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया।
दरअसल, 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवघर आने वाले हैं। वे यहां रोड शो करेंगे। कॉलेज परिसर में जनसभा को संबोधित करेंगे और नवनिर्मित देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे।
ये बैठक पीएम मोदी के दौरे को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा तथा सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए आयोजित की गई थी। गौरतलब है कि पीएम जैसी शख्सियत के आगमन को लेकर इस प्रकार की बैठक आयोजित की जाती है।
बाबा वैद्यनाथ धाम में जाकर भी तैयारियों को परखा
खास बात ये है कि इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने व्यक्तिगत रूप से शिरकत की। मुख्यमंत्री ना केवल बैठक में शामिल हुए बल्कि वहां हर चीज को जांचा-परखा। पहले तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने परिवार के साथ पूजा अर्चना की। बता दें कि 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूजा करेंगे। इसे लेकर मंदिर परिसर में तैयारियां की जा रही है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गये हैं। बाबा वैद्यनाथ में पूजा अर्चना के दौरान उन्होंने तैयारियों का जायजा भी लिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां कई जगह मुख्यमंत्री तैयारियों से संतुष्ट दिखे तो कई जगह खामियां दिखने पर अधिकारियों को उसे दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री की ये सक्रियता कई सियासी जानकारों को दिलचस्प लग रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 12 जुलाई को देवघर दौरे के मद्देनज़र सर्किट हाउस, देवघर में मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM ने आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में वरीय अधिकारियों के साथ चल रही तैयारियों की समीक्षा की। pic.twitter.com/GlLNUttENc
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) July 10, 2022
सरकार गठन के बाद से ही राज्य और केंद्र में दिखा टकराव
दरअसल, झारखंड में सरकार गठन के बाद से ही केंद्र और राज्य सरकार में टकराव दिखा है। चाहे वो कोल रॉयल्टी का मामला हो या कोरोना काल में मदद का मसला। केंद्र राज्य के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा है। एक वाकया बहुत चर्चा में भी रहा था। दरअसल, कोविड काल के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल बातचीत हुई थी। बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया था। लिखा था कि पीएम मोदी ने सिर्फ अपने मन की बात की। हमारे काम की बात को उन्होंने सुनी ही नहीं।
इस बयान पर जहां बीजेपी ने खूब हायतौबा मचाई तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे सराहा। हालिया ईडी की कार्रवाई को लेकर भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन औरर बीजेपी के नेताओं के बीच जुबानी जंग हुई है। ईडी की कार्रवाई को जहां मुख्यमंत्री ने केंद्र की गीदड़भभकी बताया तो वहीं बीजेपी ने इसे सरकार का डर कहा। हालांकि, इस बीच राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा हुई।
मुख्यमंत्री दिल्ली गये और वहां गृहमंत्री अमित शाह से मिले। गृहमंत्री से सीएम की मुलाकात के बाद से ना तो बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर और ना ही मुख्यमंत्री ने केंद्र के खिलाफ कोई बयानबाजी की है। अब प्रधानमंत्री के दौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की व्यक्तिगत रूप से इतनी सक्रियता देख लोग सियासी कयास लगाने लगे हैं। पूछने लगे हैं कि अचानक से इतना सॉफ्ट कॉर्नर का मतलब क्या है।
12 जुलाई को देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
मुख्यमंत्री खुद एयरपोर्ट परिसर में भी पहुंचे। प्रधानमंत्री यहीं से देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे। यहीं से वे रेलवे सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। आम से लेकर खास लोगों के बैठने की व्यवस्था एयरपोर्ट लाउंज में ही की गई है। मुख्यमंत्री ने यहां भी व्यक्तिगत रूप से एक-एक तैयारी का जायजा लिया। सब जांचा-परखा। राष्ट्रपति चुनाव भी इस नरमी की एक बड़ी वजह है। दरअसल, एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं।
संताल समाज से आती हैं जिससे सोरेन परिवार आता है। हाल ही में द्रौपदी मुर्मू रांची आई थीं। मुख्यमंत्री आवास जाकर झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन और सीएम हेमंत सोरेन से मिलीं। सीएम हेमंत सोरेन तो उन्हें रिसीव करने उनकी गाड़ी तक आये। आगवानी कर अंदर ले गये। फिर बाहर तक छोड़ने भी आई। इस दौरान कई चेहरों पर असामान्य मुस्कुराहट दिखी।
हालांकि, झामुमो ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन रिश्तों में आई नरमी बहुत कुछ बयां कर रही है। वैसे भी सियासत है। गठबंधन की संभावना बनी रहती है और दोस्ती की भी। 12 जुलाई का इंतजार कीजिए। उस दिन देवघर में जब राजनीति के दो विपरित ध्रुव मिलेंगे तो सियासी नजारा देखने लायक होगा।