द फॉलोअप डेस्क
बिहार के दरभंगा जिले में ऐतिहासिक हराही, दिग्घी और गंगासागर तालाबों का एकीकरण किया जाने वाला है। इससे यह प्रदेश के सबसे बड़े तालाब के रूप में उभरेंगे। इन तालाबों को मिलाने पर कुल क्षेत्रफल लगभग 156 एकड़ होगा। बताया जा रहा है कि इस योजना के अंतर्गत पर्यटकों के लिए तमाम सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिनमें वाटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था भी शामिल हैं। इस दौरान लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।पर्यटन स्थल के तर्ज पर होगा विकास
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में इन तालाबों के सुंदरीकरण के शिलान्यास के दौरान घोषणा की है। सीएम ने कहा है कि इन तालाबों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें तालाबों के किनारे से अतिक्रमण हटाकर उनके आसपास की सफाई की जाएगी। साथ ही प्रदूषित जल का डायवर्जन किया जाएगा। इसके साथ ही यहां जल क्रीड़ा, नौका विहार, जेट स्की जैसी गतिविधियां भी होंगी। पर्यटकों के आराम और सुविधाओं के लिए फूड कोर्ट, चेंजिंग रूम, शौचालय, सौर ऊर्जा से चलने वाली स्ट्रीट लाइट, बेंच, ओपेन जिम और पार्किंग जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी। DPR हो चुका तैयार
इस परियोजना के लिए 75.28 करोड़ रुपये की DPR तैयार की गई है। हालांकि, योजना के महत्व को देखते हुए राशि में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। इस योजना के माध्यम से दरभंगा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
कई बार हो चुका है सुंदरीकरण का प्रयास
बताया जाता है कि इतिहास में पहले भी इन तालाबों के सुंदरीकरण का प्रयास किया गया था। महाराज रुद्र सिंह और रईस हाजी मो वाहिद अली खान के कार्यकाल में इन तालाबों की देखभाल की गई थी। इसके बाद 1974 में रेलमंत्री ललित नारायण मिश्रा और 1993 में तत्कालीन DM अमित खरे ने भी इसके लिए प्रयास किए थे। लेकिन कई कारणों से ये योजनाएं पूरी नहीं हो पाई थीं। अब फिर से इन ऐतिहासिक तालाबों के पुनर्निर्माण और सुंदरीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया जा रहा है।