द फॉलोअप डेस्क
बिहार के लखीसराय में छठ पूजा के दिन एक सिरफिरे आशिक ने एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के एक महीने बाद सिरफिरे आशिक ने कोर्ट जाकर सरेंडर कर दिया। उसने कैमरे का सामने आकर अपने पूरे गुनाह को कबूल किया है। उसने पुलिस और मीडिया को बताया कि उसकी कथित पत्नी (दुर्गा झा) ने उसके साथ गलत किया। वह अकेला हो गया था इसलिए उसने यह कदम उठाया। इतना ही नहीं उसने पूरे घटना को कैसे अंजाम दिया, उसका सीन री-क्रिट किया गया।
मन में पहले से ही तकलीफ थी कि मेरे साथ गलत हुआ
आशीष ने बताया कि वह पहले दुर्गा झा के घर के पास आया। उसने अपनी पत्नी ने कहा कि मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूं। उसने कहा दिया कि मैं तुम्हें नहीं जानती। इसके बाद हमसे अपराध हो गया। मैने बंदूक निकाली और पहली गोली दुर्गा को मारी। इसके बाद वहां मौजूद दूर्गा की एक भाभी को उसने गोली मारी। मेरा गोली चलाने का कोई मकसद नहीं था मैं केवल बात करने गया था। मैने पूरे परिवार को टारगेट नहीं था लेकिन जब उसने कहा कि मैं तुम्हें नहीं जानती तो मैने इस घटना को अंजाम दे दिया। मेरे मन में पहले से ही तकलीफ थी कि मेरे साथ गलत हुआ है इसी झोके में मेरे हाथों ये हो गया।
घटना को अंजाम देने के बाद दिल्ली, तिरुपति, बेंगलुरु और वैष्णोधाम से अमृतसर,बनारस हो लिया
आशीष ने पुलिस के सामने स्पष्ट तौर पर यह कहा कि जिसे भी इस घटना में गिरफ्तार किया गया है सभी निर्देश हैं। दुर्गा और मैं (आशीष) एक साथ साल 2017 में पटना गए थे। वहां दोनों 4 साल तक पति-पत्नी के तौर पर रहे। इसके बाद वह घर आ गई और आज मुझे पहचाने से मना कर दिया। उसने बताया कि घटना को अंजाम देकर वो लिफ्ट लेकर आगे तक गया। वहां से खेत होकर करौता स्टेशन पहुंचा। ट्रेन पकड़कर गया फिर दिल्ली, तिरुपति, बेंगलुरु और वैष्णोधाम से अमृतसर होकर बनारस पहुंचा। जब उसे न्यूज से पता चला कि मामला बड़ा हो चुका है और उसके चक्कर में कई निर्दोष गिरफ्तार किए गए हैं तो सरेंडर करने का मन बनाया और पुलिस के हवाले खुद को कर दिया।
दो भाईयों की मौके पर हुई थी मौत
बता दें कि 20 नवंबर की सुबह छह लोगों पर एक युवक ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस घटना में दो भाइयों की मौके पर ही मौत हो गई है। वहीं इलाज के दौरान एक महिला (दुर्गा) की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। दोनों भाईयों को एक-एक गोली और दुर्गा को 2 गोली लगी थी। वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इनमें से एक महिला आज भी जिन्दगी और मौत की लड़ाई लड़ रही है।