पटना
यह कहानी है एक ऐसे शख्स की, जिसने अपनी ज़िंदगी सांपों को बचाने में लगा दी, लेकिन आखिर में मौत उसी रूप में आई, जिससे वो दूसरों को बचाता रहा। बिहार के समस्तीपुर जिले के जय कुमार सहनी को लोग प्यार से ‘सांपों का मसीहा’ कहते थे। बीते पांच सालों में उन्होंने 2000 से भी ज़्यादा ज़हरीले सांपों को सुरक्षित पकड़ा और जंगल में छोड़ा. लेकिन एक रेस्क्यू कॉल उनकी आखिरी कॉल साबित हुई। हरपुर भिंडी वार्ड नंबर-3 के निवासी जय कुमार को बचपन से ही जानवरों के प्रति लगाव था। कहीं कोई जानवर घायल होता या मुसीबत में फंसा होता, वे सबसे पहले पहुंचते। लेकिन सांपों के साथ उनका रिश्ता सबसे अलग था। बिना किसी ट्रेनिंग के उन्होंने खुद से ये हुनर सीखा और इसे अपनी ज़िंदगी का मकसद बना लिया।
वीडियो के ज़रिए बने सोशल मीडिया स्टार
जय कुमार के सांप पकड़ने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते थे। वे बिना किसी हिचक के कोबरा को अपने हाथों से पकड़ते और किंग कोबरा जैसे खतरनाक सांपों को जंगल में सुरक्षित छोड़ आते. लोग उन्हें कॉल करते और वे अपने बैग के साथ तुरंत निकल पड़ते। गुरुवार को पास के गांव से एक कॉल आया — ज़हरीले सांप की सूचना थी। जय तुरंत मौके पर पहुंचे और सांप को पकड़ने लगे। लेकिन इसी दौरान सांप ने उनके अंगूठे पर काट लिया। शुरुआत में सबको लगा कि पहले की तरह यह भी एक मामूली मामला होगा, लेकिन इस बार ज़हर ने अपना घातक असर दिखाया।
समय रहते इलाज नहीं मिल पाया
परिवार और गांववालों ने उन्हें पहले नज़दीकी अस्पताल और फिर समस्तीपुर सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डॉक्टर संतोष कुमार के मुताबिक, ज़हर शरीर में पूरी तरह फैल चुका था और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। जय कुमार की मौत से समस्तीपुर में शोक की लहर फैल गई है। उनके पीछे पत्नी और दो छोटे बच्चे रह गए हैं। उनके पिता शिवलगन सहनी बेटे की असमय मौत से सदमे में हैं।
WHO की चेतावनी डराती है
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, हर साल करीब 50 लाख लोग सांप के काटने का शिकार होते हैं, जिनमें से करीब 2.7 लाख मामले ज़हरीले होते हैं. अनुमान है कि हर साल 81,000 से लेकर 1.38 लाख लोग ऐसे ही ज़हर के कारण अपनी जान गंवा बैठते हैं। चौंकाने वाला यह सच है कि जिसने सैकड़ों जानें बचाईं, उसकी जान उसी ज़हर ने ली, जिसे वह समझता और संभालता था।