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30 साल सेवा दी, एक दिन की सैलरी नहीं मिली; अब रिटायर होकर इंसाफ की आस में भटक रहे शिक्षक 

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द फॉलोअप डेस्क 
बिहार के नालंदा में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिले के नूरसराय प्रखंड के चंद्रशेखर संस्कृत प्राथमिक सह मध्य विद्यालय, लोहड़ी में कार्यरत शिक्षक शिवाकांत पांडे बिना वेतन के ही 31 मार्च 2025 को प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्त हो गए। आरोप है कि उन्होंने 1995 से रिटायरमेंट तक एक दिन का भी वेतन नहीं पाया।

शिवाकांत पांडे की पत्नी अंजू देवी ने जिला लोक शिकायत निवारण केंद्र में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि 2018 में पटना हाईकोर्ट ने संस्कृत विद्यालय के शिक्षकों के वेतन के पक्ष में आदेश दिया था, फिर भी विभाग चुप बैठा है। उन्होंने कहा कि विभाग बार-बार ऑफिस के चक्कर कटवा रहा है, लेकिन सैलरी नहीं दे रहा। इसी केस में 4 और शिक्षकों को वेतन मिल चुका है, सिर्फ मेरे पति को नहीं। रिटायर्ड शिक्षक शिवाकांत पांडे कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। पत्नी का कहना है कि पिछले 3 दशकों से वेतन नहीं मिलने के कारण घर की हालत बेहद खराब हो चुकी है और इलाज तक कराना मुश्किल हो गया है। 
इस पूरे मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) राजकुमार ने कहा कि बोर्ड के आदेश पर वेतन रोका गया था। फिलहाल इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस घटना से जुड़े एक और पहलू ने चिंता बढ़ा दी है। जिले में कई संस्कृत और वित्त रहित स्कूल सिर्फ कागज़ों पर चल रहे हैं। विभाग को ये रिपोर्ट दी जाती है कि पठन-पाठन सामान्य रूप से चल रहा है, लेकिन जब जांच होती है तो कुछ स्कूलों का कोई अस्तित्व ही नहीं मिलता। 

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