द फॉलोअप डेस्क
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीती रात सीतामढ़ी के नानपुर क्षेत्र के चटगोड़ा गांव में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार अल्पसंख्यक समुदाय की नाबालिग लड़की के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों से मिलकर घटना की पूरी जानकारी ली और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया। इसके साथ ही उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि नाबालिग लड़की के साथ वीभत्स घटना घटी है। लेकिन इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि बिहार में दुष्कर्म की घटनाएं रोजाना की बात हो गई है। हर दिन 3 से 4 दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया, जो दिल्ली के निर्भया कांड से भी ज्यादा वीभत्स था।
उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि यहां रहने वाले 20-25 मुस्लिम परिवार कानूनी लड़ाई लड़ने से डर रहे हैं। इसलिए हम पुलिस प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि कोई पहल करें या आश्वासन दें ताकि गांव में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग सुरक्षित महसूस करें। दूसरी मांग यह है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा राशि दी जाए। और यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पीड़ित परिवार बहुत गरीब और अशिक्षित है। उन्हें अपने अधिकारों के बारे में भी जानकारी नहीं है। हम जिला प्रशासन से बात करके पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद करने की कोशिश करेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह घटना बिहार की एक और समस्या को उजागर करती है जिसमें पलायन के कारण गांवों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की संख्या बहुत कम है। गांव खाली हो गए हैं और उनमें केवल महिलाएं, लड़कियां और बुजुर्ग ही बचे हैं। पीड़िता के परिवार के घर में भी कोई पुरुष नहीं है। उसके पिता भी मुंबई में मजदूरी करते हैं।
प्रशांत किशोर ने बिहार में लगातार हो रही बलात्कार की घटनाओं के लिए सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि जब बिहार का मुखिया मानसिक और शारीरिक रूप से होश में नहीं हैं, तो ऐसी घटनाएं होंगी ही। बिहार नेतृत्वविहीन हो गया है। मुख्यमंत्री के तीन-चार करीबी अधिकारी और उगाही मंत्री सिर्फ बिहार को लूट रहे हैं। और आश्चर्य की बात है कि बिहार में हर दिन कोई न कोई बड़ी घटना हो रही है लेकिन नीतीश कुमार ने उनमें से एक पर भी कोई बयान नहीं दिया है। इसलिए नीतीश कुमार को तुरंत मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह सरकार का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं।