द फॉलोअप डेस्क
हाजीपुर लोकसभा सीट से एनडीए प्रत्याशी चिराग पासवान ने अबतक अपने चाचा पशुपति पारस को दिल से नहीं अपनाया है। चाचा से उनके रिश्ते और चुनावी समर्थन को लेकर पूछे सवाल पर चिराग ने साफ शब्दों में कहा नो थैंक्स, मुझे नहीं चाहिए मदद, जब मेरे बुरे दिन थे तो उन्होंने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया। मुझे घर-परिवार से निकालकर बाहर फेंक दिया था, लिहाजा अब मैं इन चीजों से काफी आगे निकल चुका हूं। मेरा अब एक ही लक्ष्य है कि मोदी जी को 40 में 40 सीटें जीता कर दूं और बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का अपना सपना पूरा करू।
उनका सगा बेटा होता तो क्या इसी तरीके से मुझे निकाल कर बाहर करते
वहीं परिवार एक होने के बात पर उनका (चाचा) नेवर नेवर कहना मुझे नहीं पता। यह सारी बातें सारी घटना क्यों घटी? अगर मैं उनका सगा बेटा होता तो क्या इसी तरीके से मुझे निकाल कर बाहर करते। क्या कारण था कि आप लोग बार-बार पूछते थे चिराग पासवान के साथ कोई समझौता हो सकता है। तब उनका (पारस) बार-बार कहना कि सूरज पश्चिम से निकल जाएगा, लेकिन चिराग से मेरा कोई रिश्ता नहीं रहेगा। बहरहाल मैं अभी इन चीजों से बहुत बाहर निकल चुका हूं। मेरी लड़ाई बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की लड़ाई के साथ आगे बढ़ना है। तमाम चीजों को पीछे छोड़ चुका हूं।
हाजीपुर के लोगों का भरोसा जीतने की होगी पूरी कोशिश
गौरतलब है कि चिराग पासवान हाजीपुर क्षेत्र में भ्रमणशील थे। इस दौरान वह वहां के विकास के कार्यों को देखकर काफी निराशा हुई। इस दौरान उन्होंने बगौर अपने चाचा का नाम लिए उनपर जमकर निशाना साधा। चिराग ने कहा पिछले 5 वर्षों में लोगों को थोड़ी निराशा हुई है, लेकिन उनकी पूरी कोशिश होगी कि फिर से लोगों का भरोसा बहाल करें। चिराग ने कहा कि मेरे पिता रामविलास पासवान ने लंबे समय तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ऐसे में उम्मीद है कि मुझे भी लोगों का उतना ही प्यार मिलेगा।
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