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हमने इस्तीफा दे दिया, नए गठबंधन में जा रहे हैं; नीतीश कुमार ने बताई असली वजह

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क:

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने कार्यकर्ताओं, साथी नेताओं और पार्टी पदाधिकारियों के फीडबैक के आधार पर यह फैसला लिया। नीतीश कुमार ने कहा कि हमने इस्तीफा सौंप दिया है। जो सरकार थी उसे समाप्त कर दिया है। डेढ़ साल पहले हमने गठबंधन बनाया था उसकी स्थिति ठीक नहीं थी। उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा जो दावा किया जा रहा था उसमें मैं सहज नहीं था। उन्होंने कहा कि हम नये गठबंधन में जा रहे हैं, वहां जो अन्य पार्टियां हैं उनसे मंथन करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने उधर (राष्ट्रीय) स्तर पर गठबंधन (इंडि गठबंधन) बनाया लेकिन उधर भी कोई कुछ काम नहीं कर रहा था। उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों से हमें तकलीफ थी। उन्होंने कहा कि हम नये गठबंधन में जा रहे हैं। 


बिहार में सियासी घमासान का पटाक्षेप
सीएम नीतीश के इस्तीफे के साथ ही पिछले 3 दिनों से जारी सियासी घमासान का पटाक्षेप हो गया। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महागठबंधन सरकार के खात्मे की पटकथा उसी दिन लिख ली गई थी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के बीच जी20 सम्मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी। इसके कुछ समय बाद उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से भी बातचीत की थी। कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती की पूर्वसंध्या पर उन्हें भारत रत्न देने का ऐलान किया गया। नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री का आभार जताया था। इसी दिन एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव या तेजस्वी यादव का नाम लिये बिना वंशवाद पर हमला बोला। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग अपने परिवार को ही आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं। इस बयान पर लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य की टिप्णी से मामला और बिगड़ गया। तब से ही महागठबंधन में फूट की अटकलें लगीं। 

नीतीश कुमार पर किसका दबाव था
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि नीतीश कुमार पर आरजेडी की तरफ से लगातार यह दबाव बनाया जा रहा था कि वे तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करें। कुछ मौकों पर आरजेडी की तरफ से कहा भी गया कि नीतीश कुमार केंद्र संभालेंगे और बिहार में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। इधर, नीतीश कुमार के इस्तीफे पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू यादव मुख्यमंत्री पर तेजस्वी को सीएम बनाने का दबाव बना रहे थे। यदि ऐसा होता तो बिहार में जंगलराज आ जाता। गनीमत है कि अब बिहार को जंगलराज से मुक्ति मिली।