बेतिया:
अभिनेता मनोज वाजपेयी (Manoj Bajpayee) इन दिनों बिहार में है। मंगलवार को वो बेतिया में अपने स्कूल केआर हाईस्कूल पहुंचे (Reached school KR High School in Bettiah), जहां उन्होंने अपने स्कूली दौर को याद किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं भी आप सबकी तरह इसी मैदान में खड़ा होता था। तब के समय में हमारे यूनिफॉर्म की शर्ट सफेद हुआ करती थी। मेरी समझ में वह इससे अच्छा था।
अपने स्कूली दिनों को किया याद
पद्मश्री से विभूषित वाजपेयी अपने गांव में अपने स्कूल पहुंचे। उन्होंने स्कूल के मैदान में खड़े होकर अपने दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि इसी केआर स्कूल के नाटक से मैंने अपना प्रारंभिक अभिनय और कविता सीखी है। उन्होंने महाभारत के प्रकरण का स्मरण करते हुए राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर विरचित रश्मिरथी की कुछ पंक्तियों याद किया। इसके बच्चे कोलाहाल मचाते हुए उनके ओर बढ़ने लगे। उत्साहित बच्चें वाजपेयी की ओर बढ़ने लगे तभी शिक्षकों ने बच्चों को रोकने की कोशिश की तो मनोज वाजपेयी ने उन्हें रोका और बच्चों को खुद में जोड़ लिया।
दुर्योधन कृष्ण संवाद सुनाया
अपने द्वारा स्कूल में सुनाई जाने वाली एक कविता को याद करते हुये उन्होंने कौरवों की सभा में दुर्योधन कृष्ण संवाद को याद कराया और कहा कि...तू मझे बांधने आया जंजीर बड़ी क्या लाया है, हो मुझे बांधने का हो मन तो पहले बांध उन्मुक्त गगन, जो गगन बांध नहीं सकता है वह मुझको साध न सकता है...उनकी कविता सुन प्राध्यापक स्थिर हो गये और बच्चों का कोलाहल भी थम गया। तब श्री वाजपेयी ने कहा कि बच्चों के उन्मुक्त व निश्छल मन को बांधना और साधना दोनों असम्भव है।