द फॉलोअप डेस्कः
बिहार के भागलपुर की रहने वाली मानवी मधु कश्यप देश की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा बनी हैं। मानवी मधु कश्यप ने लंबे संघर्ष के बाद ये मुकाम हासिल किया है। लोगों की प्रताड़ना के कारण मानवी को साल 2014 में अपना घर छोड़कर निकलना पड़ा। मानवी ने कहा कि समाज से अपनी पहचान छिपाने के लिए वो दुपट्टा ओढ़ती थीं। जब वो 9वीं क्लास में थीं, तब उन्हें पता चला कि वो ट्रांसजेंडर हैं लेकिन उनका मानना है कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं कि लोग क्या सोचते हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग निजी जिंदगी में दखलंदाजी करने में कामयाब हो जाते हैं। दारोगा की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद वो वर्दी पहनकर गांव जाने और अपनी मां और परिवार के लिए सम्मान और गर्व का पल जीने को बेताब हैं। उन्होंने कहा कि गांव जाकर वो सबसे पहले अपनी मां को सैल्यूट करेंगी
दरअसल बिहार में दारोगा पद पर बहाली के लिए 1275 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। परिणाम घोषित होने के बाद बड़ी खबर निकलकर सामने आई है कि इन अभ्यर्थियों में तीन कैंडिडेट ऐसे हैं, जो ट्रांसजेंडर हैं। यानी बिहार में पहली बार एक नहीं तीन ट्रांसजेंडर पुलिस सेवा में नियुक्त होने जा रही हैं। इन्हीं में शामिल हैं मानवी मधु कश्यप। मानवी के अलावा उनके घर में मां, 2 बहनें और एक भाई है। सामाजिक स्तर पर तमाम परेशानियों को झेलते हुए और दारोगा बनने की चाह में मानवी 2022 में पटना पहुंची। यहां भी इनकी परेशानी कम नहीं रही, जब वो पटना में तैयारी कर रही थीं, तब उनकी मां उनसे छिपकर मिलने आती थीं।
वो पिछले 9 महीने से गांव यानी घर नहीं गई हैं। पटना में कोई अपनी कोचिंग में उन्हें जगह देने के लिए तैयार नहीं था। आखिर में गुरु रहमान के पास पहुंची और उन्होंने इनका हौसला बढ़ाया। गुरू रहमान ने मानवी के साथ दो अन्य ट्रांसजेंडर को भी दारोगा की परीक्षा पास करने में पूरी मदद की। मानवी मधु कश्यप अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ गुरू रहमान को भी देती हैं, जिनकी मदद की बदौलत आज वो अपने सपने को पूरा कर पाईं हैं।
उनका कहना है कि ट्रांसजेंडर का जीवन आसान नहीं होता है, लेकिन इन सभी लोगों ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। मानवी मधु कश्यप ने पॉलिटिकल साइंस से बीए ऑनर्स किया है। मधु दारोगा की तैयारी के लिए 5 से 6 घंटे तक नियमित पढ़ाई करती थी। काफी परेशानी का सामना करते हुए उनके साहस ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया। मानवी के पिता इस दुनिया में नहीं हैं। मां हैं। जो मानवी के साथ हमेशा खड़ी रहीं। अब गांव जाकर वो अपनी मां को वर्दी में सैल्यूट करना चाहती हैं। मानवी का कहना है कि वो दारोगा बनकर अपने समाज के लोगों की सामाजिक स्थिति में सुधार लाने का काम करेंगी।
उन्होंने कहा कि ट्रांसजेंडर भी ईश्वर की ही देन हैं और उन्हें अलग तरह से देखना सही नहीं है। ट्रांसजेंडर के प्रति समाज में गलत रवैये को देखकर मधु का मन विचलित हो उठता था, वो दारोगा बनकर अब अपने समाज के लोगों को भी इज्जत दिलाना चाहती हैं और समाज में ट्रांसजेंडर के प्रति लोगों के व्यवहार को बदलना चाहती है। रिजल्ट घोषित होने के बाद मानवी मधु कश्यप ने वीडियो जारी कर कहा कि मुझे यह बात बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि मेरा बिहार SI में सेलेक्शन हो गया है। उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, अपने गुरु रहमान सर और माता-पिता का धन्यवाद करती हूं।