द फॉलोअप डेस्क
वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत गया-कोडरमा रेल सेक्शन पर जमीन का सर्वे कार्य शुरू हो चुका है। यह सर्वे सोमवार को टनकुप्पा-पहाड़पुर स्टेशन के पास स्थित गांवों में किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य उस इलाके की जमीन का मूल्यांकन करना है, जिससे बाद में अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वहीं, गया-कोडरमा सेक्शन पर सर्वे का काम खत्म होते ही यहां बुलेट ट्रेन के लिए मुख्य स्टेशन मानपुर में स्थापित किया जाएगा। यह 799 किलोमीटर लंबा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर यूपी के वाराणसी से लेकर पश्चिम बंगाल के हावड़ा तक फैलेगा, जिसमें पटना सहित कुल 13 स्टेशन होंगे।
ग्रामीणों को सता रही चिंता
हालांकि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों में चिंता की लहर है। गया जिले के पहाड़पुर गांव के निवासी ओमकार पांडेय और दिलीप मालाकार सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण से गांव का स्वरूप बदल जाएगा। हजारों लोग प्रभावित होंगे और कई घरों को इस परियोजना के कारण हटाना पड़ेगा। उनका कहना है कि भले ही मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन नए घर बसाने में काफी मुश्किलें आ सकती हैं। इससे आवासीय समस्या बढ़ेगी।क्या है पूरी योजना
बता दें कि इस परियोजना के तहत करीब 70 मीटर चौड़ी भूमि को अधिग्रहण करने की योजना है। वर्तमान में इस पर सर्वे का काम जारी है। जमीन अधिग्रहण के बाद अगला कदम मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू करना होगा। विभागीय सूत्रों की माने तो इस साल के अंत तक जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। गया जिले में करीब 75 किलोमीटर भूमि को हाई स्पीड ट्रेन के लिए चिन्हित किया जा रहा है। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों से होकर गुजरेगी। बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ और नवादा जैसे शहरों से बुलेट ट्रेन की यात्रा होगी। इस मार्ग को वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के नाम से जाना जाएगा।