द फॉलोअप डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे तेजस्वी यादव और 8 अन्य आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। पूरक आरोपपत्र विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष दाखिल किया गया, जिन्होंने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की। मिली खबरों में बताया गया है कि ED ने राजद नेता तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के खिलाफ जमीन के बदले नौकरी घोटाले के मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया है। जिसमें 11 आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं।
क्या है मामला
दरअसल, पूरा मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है। जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन हस्तांतरित के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाई। सीबीआइ ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं। दाखिल आरोप पत्र में 96 दस्तावेज हैं। अदालत ने आरोप पत्र और दस्तावेजों की जांच के लिए मामले को 13 अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया है। इसके बाद से लालू -तेजस्वी की टेंशन बढ़ सकती है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
क्या हैं ED के आऱोप
ED के अनुसार क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्नों की ऐसी नियुक्तियों के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी पटना के निवासी नियुक्त व्यक्तियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपित ने रेलवे में नौकरी देने के लिए, एक अप्रत्यक्ष तरीका तैयार किया, जिसमें उम्मीदवारों को पहले स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया।