द फॉलोअप डेस्क
बिहार की राजनीति में चुनाव के पहले सरगर्मी नजर आ रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरक्षण के मुद्दे पर आज अपने पार्टी कार्यालय के सामने धरना दिया। इस धरने ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में एक हलचल मचा दी। इस पर पलटवार करते हुए JDU ने तेजस्वी यादव को यह सलाह दी है कि वह सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना दें, न कि सिर्फ पटना में।
बता दें कि JDU के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने तेजस्वी यादव के धरने को महज एक नौटंकी करार देते हुए कहा कि पटना में धरना देने की बजाय उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जाकर आरक्षण पर अपनी बात रखनी चाहिए। उन्होंने इस दौरान तेजस्वी यादव से 5 महत्वपूर्ण सवाल किए। JDU ने तेजस्वी से पूछे 5 सवाल
अरविंद निषाद ने पूछा, “क्या CBI, ED जैसी एजेंसियों के सामने भ्रष्टाचार के मामलों में पेश होने पर कोई लज्जा नहीं आती? वहीं, आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में खुद या वकील के माध्यम से पेश होने में शर्म क्यों आती है?” इसके बाद उन्होंने एक और सवाल किया, “लालू प्रसाद यादव जो कभी जननायक कर्पूरी ठाकुर को जीप के लायक नहीं मानते थे, आज उनके नाम की माला क्यों जप रहे हैं?”
इसके अलावा उन्होंने यह भी पूछा कि जब संयुक्त मोर्चा सरकार में लालू प्रसाद यादव केंद्र में किंगमेकर थे, तो उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न क्यों नहीं दिलवाया। उन्होंने तेजस्वी यादव को यह सलाह दी कि अगर वह अपने पिता को 'कैदी रत्न' दिलाना चाहते हैं, तो इसके लिए धरना दें और बिहार विधानमंडल में इसका प्रस्ताव रखें।
निषाद ने यह भी याद दिलाया कि जब EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिए 10 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव आया था, तो क्या RJD ने इसका मुखर विरोध नहीं किया था? इस सवाल-जवाब के साथ JDU ने तेजस्वी यादव को राजनीति की नई दिशा और सही रास्ते की सलाह दी है।