द फॉलोअप डेस्क
बिहार सत्याग्रह आश्रम में जन सुराज अंबेडकर संवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय था कि बिहार में दलित समुदाय के लोगों को शिक्षा के प्रति कैसे जागरूक किया जाए। कार्यशाला में दलित समुदाय के नेताओं, विचारकों और बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने दलित समाज के उत्थान के लिए जन सुराज का विजन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के प्रयासों से अनुसूचित जातियों को राजनीतिक भागीदारी मिली, लेकिन आज भी दलित समुदाय का एक बड़ा वर्ग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इसका मतलब यह जरूरी नहीं है कि केवल MLA या MP बनने से ही समाज में सुधार आएगा। इसलिए जन सुराज ने तय किया है कि जब हम व्यवस्था में आएंगे तो राजनीतिक भागीदारी के साथ-साथ दलित समुदाय के लिए 5 वादों को पूरा करेंगे।
भूमिहीन दलितों को 3 डिसमिल जमीन और युवाओं को रोजगार के लिए पूंजी उपलब्ध कराया जाएगा
पहला वादा दलित समाज के बच्चों के लिए है क्योंकि सिर्फ 3 प्रतिशत दलित छात्र ही 12वीं पास कर पाते हैं। इसलिए जो भी 10वीं पास करेगा और 50% से ज्यादा अंक लाएगा उसे आगे की पढ़ाई के लिए 2000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी और साथ ही मौजूदा अंबेडकर छात्रावास का जीर्णोद्धार किया जाएगा। दूसरी सबसे बड़ी समस्या है कि दलितों के पास जमीन नहीं है। इसलिए जन सुराज वादा कर रहा है कि अगले तीन साल में अभियान चलाकर 100 प्रतिशत भूमिहीन दलित परिवारों को 3 डिसमिल जमीन दी जाएगी। तीसरा दलितों को खेती से जोड़ने के लिए उन्हें सरकारी जमीन लीज पर दी जाएगी। इसके साथ ही हमारे जो युवा दलित साथी अपना स्वरोजगार शुरू करना चाहते हैं लेकिन पूंजी के अभाव में ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें सरकारी गारंटी पर पूंजी मुहैया कराई जाएगी। जन सुराज का पांचवां और अंतिम वादा यह है कि जिस भी सीट पर दलित समुदाय की अच्छी आबादी है और उस सीट पर काबिल उम्मीदवार मौजूद है, लेकिन सीट आरक्षित नहीं है, तो उस सीट पर भी दलित समुदाय के व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा।