पटना
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने राजनीति में परिवारवाद पर तंज करते हुए कहा कि मोदी को परिवारवाद पर बोलना चाहिए। देश भर में हमने देखा कि अगर आपके पिता विधायक-मंत्री नहीं हैं, तो आपके लिए चुनावी राजनीति में आना बहुत कठिन है। जिसमें बीते 30 वर्षों में पता चला कि 1250 परिवार के लोग ही विधायक-सांसद बने हैं। परिवारवाद को लेकर हमें लगता है कि एक लालू का परिवार है, एक राम विलास पासवान का परिवार है, ऐसी बात नहीं है। हर प्रखंड में दो-चार परिवार ऐसे हैं जिनता राजनीति पर कब्जा है।
जनता ये सोचती है
दल कोई रहे, नेता कोई रहे, जनता सोचती है कि कांग्रेस को उखाड़ दिए लालू को ले आए। लालू को उखाड़ दिए, नीतीश को ले आए। नीतीश को उखाड़ दिए बीजेपी को ले आए। अभी उदाहरण बताएंगे। इसमें आप किसी दल को ले आइए नेता वही रहेगा, उसी परिवार का रहेगा। आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की आबादी है 13.5 करोड़। यहां 3.5 करोड़ परिवार के लोग रहते हैं। लेकिन, विधायक-सांसद 1250 परिवार के लोग ही बनते हैं।
ऐसे मूर्ख बनाते हैं वोटरों को
आरजेडी और क्षेत्रीय दलों के बारे में सब जानते हैं कि वो परिवारवाद की पार्टी है। लेकिन, बीजेपी को लेकर लोगों को लगता है कि ये परिवारवाद की पार्टी नहीं है। बीजेपी से जो उप मुख्यमंत्री हैं सम्राट चौधरी ये शकुनी चौधरी के बेटे हैं। जब बिहार में कांग्रेस का दौर था उसमें शकुनी चौधरी विधायक-मंत्री थे। लालू के दौर में भी, नीतीश के दौर में भी। मांझी जब मुख्यमंत्री बने तो उसमें भी विधायक-मंत्री शकुनी चौधरी थे। आज जब बीजेपी का दम हुआ है, तो उन्हें भी साधारण परिवार का राजनीतिक कार्यकर्ता, कुशवाहा समाज का नेता नहीं मिला। उन्हें भी शकुनी चौधरी का लड़का ही मिला।
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