गयाः
हिंदू धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैशाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के लिए भी खास महत्व रखता है। इस बार भगवान बुद्ध की जयंती उनके ज्ञान स्थली महाबोधि मंदिर परिसर में दो वर्ष बाद मनाई जाएगी। जिसे लेकर बौद्ध अनुयायियों में काफी उत्साह है। जिसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। बता दें कि इस बार बुद्ध की 2566 त्रिविध पावन जयंती आज है। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल फागू चौहान समारोह में उपस्थित होगें। वहीं मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि थाईलैंड के कोलकाता स्थित दूतावास में प्रतिनियुक्त काउंसिल जेनरल अचारापन यावारापास भी शिरकत करेंगी।
समारोह का देश-विदेश में व्यापक असर
इंटनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जेनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञादीप ने बताया कि महात्मा बुद्ध की त्रिविध पावन जयंती समारोह का देश-विदेश में व्यापक असर पड़ा है। महात्मा बुद्ध के संदेश का न केवल विदेशों में बल्कि भारत में भी खासा असर हुआ है।
पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे पंचशील का पाठ होगा
बता दें कि जयंती का शुभारंभ सुबह 6.30 बोधगया स्थित 80 फीट बुद्ध की मूर्ति के पास से महाबोधि मंदिर तक बौद्ध भिक्षुओं व श्रद्धालुओं एक शोभायात्रा के साथ की जाएगी। उसके बाद सभी महाबोधि मंदिर में पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे एकत्रित होकर पंचशील का पाठ करते हुए भगवान बुद्ध की पूजा करेंगे। इसके बाद दस बजे जंयती समारोह का उद्घाटन राज्यपाल फागू चौहान दीप प्रज्जवलित कर करेंगे।
इसके बाद थेरोवाद व महायान पंथ के बौद्ध भिक्षुओं व लामाओं द्वारा सूत्तपाठ किया जाएगा। इंटरनेशन बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जेनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञादीप का संबोधन होगा। और फिर बीटीएमसी के सचिव एन दोरजे धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। कार्यक्रम के समापन के बाद बिरला धर्मशाला में बौद्ध भिक्षुओं को भोजन कराया जाएगा।