गया:
बिहार में नक्सली बंद के दौरान गया और औरंगाबाद के सीमावर्ती इलाके लंगूराही के जंगल में सुरक्षा बालों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इसी बीच सीरीज IED ब्लास्ट से पूरा इलाका गूंज उठा। मालूम हो कि लगभग सात-आठ किलोमीटर तक विस्फोट कि आवाज सुनाई दी। वहीं सुरक्षाबालों के डटे रहे और मुंहतोड़ जवाब देते रहे जिस कारण नक्सली भाग निकले।
भाकपा (माओवादी) की रीजनल कमिटी ने बुलाया था बंद
बता दें कि इस घटना में किसी तरह के हताहत कि कोई खबर नहीं है। वहीं अधिकारीयों ने बताया कि नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के बिहार-झारखंड रीजनल कमेटी द्वारा गुरुवार को मगध प्रमंडल बंद की घोषणा की गई थी जिसको देखते हुए औरंगाबाद के लंगुराही और नागोबार, एकरुपइवा पहाड़ी व अन्य जंगली इलाकों में सुरक्षा बल सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ हुआ।
नक्सलियों ने घात लगाकर किया था हमला
बता दें कि मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बल के जवान और अधिकारी नक्सलियों के अड्डे तक पहुंचने वाले थे कि इसी बीच नक्सलियों ने लगातार 10 से 15 शक्तिशाली सीरीज IED विस्फोट किये और सुरक्षाबलों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद हालातों को देखते हुए सभी जवानों को सुरक्षित जगहों पर पोजीशन लेने का निर्देश दिया गया। इसके बाद भी नक्सली और सुरक्षाबलों के बीच कई घंटों तक फायरिंग हुई। बता दें कि IED विस्फोट लंगुराही, नागोबार, करीबा डोभा, शिकारी कुआं, लदुरिया सहित अन्य जंगली इलाको में हुआ है। हालांकि अभी भी सुरक्षा बल के जवान जंगली इलाकों में सर्च अभियान लगातार चला रहे हैं।
जनवरी और फरवरी में भी हुई थी मुठभेड़
गौरतलब है कि जनवरी और फरवरी में भी कई बार सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई हैं जिसमें IED ब्लास्ट की चपेट में आकर कोबरा 205 के असिस्टेंट कमांडेंट सहित 4 जवान भी घायल हो गये थे। आपको बता दें नक्सलियों के सेफ जोन माने जाने वाले जंगली व पहाड़ी इलाकों में सुरक्षाबलों के वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर कई कैंप बनाये जा रहे हैं, जिसका विरोध नक्सली कर रहे हैं। वहीं गया जिले के छकरबंधा थाना क्षेत्र स्थित लंगुराही, लुटुआ थाना क्षेत्र स्थित नागोबार व औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के तरी जंगली इलाकों में भी कैंप बनाये जा रहे हैं।
इसी कारण से नक्सली कभी आइइडी विस्फोट कर, तो कभी सामने से सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ कर विरोध कर रहे हैं। हालांकि वरीय अधिकारीयों के निर्देश पर स्थानीय अधिकारी लगातार जंगली इलाको में सर्च ऑपरेशन चलाते हुए कैंप निर्माण में लगे हुए हैं।
नक्सली बंद के कारन आम जिंदगी बाधित
बिहार के कई इलाकों में गुरुवार को नक्सलियों के मगध प्रमंडल बंद का असर इमामगंज और बांके बाजार प्रखंडों में खास तौर पर दिखा है। इन बाजारों में सभी दुकानें बंद रहीं। वहीं स्टेट हाइवे 69 पर भी सन्नाटा पसरा रहा। बसें नहीं चलीं। लिहाजा आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, सुरक्षाबलों द्वारा जंगली इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। साथ ही बांके बाजार प्रखंड मुख्यालय स्थित पेट्रोल पंप और बैंक भी बंद रहे। वहीं बाजारों में भी लोग ना के बराबर ही थे।
गया-धनबाद-डेहरी पैसेंजर ट्रेन उड़ाना चाहते थे नक्सली
बता दें कि गुरारू रेलवे स्टेशन पर गुरुवार कि सुबह नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक के पास बम रख कर गया-धनबाद-डेहरी पैसेंजर ट्रेन को उड़ाने की साजिश रची थी। समय रहते बम को डिफ्यूज कर लिया गया, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। गया-धनबाद-डेहरी पैसेंजर ट्रेन गुरारू रेलवे स्टेशन पर सुबह 10 बज कर 35 मिनट पर आने वाली थी। इससे पहले सुबह 10 बजे आरपीएफ, रेल पुलिस व जिला पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर बम के बारे में रेलवे अधिकारियों को सूचना दी और समय रहते बम को डिफ्यूज कर लिया गया। बता दें कि सूचना मिलने पर गया-धनबाद-डेहरी पैसेंजर ट्रेन को परैया रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया गया था। बम डिफ्यूज करने के बाद दोपहर 1:44 बजे ट्रेनों को परिचालन शुरू किया गया।