द फॉलोअप डेस्क, पटना:
लोकसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। इंडी गठबधन अभी तक कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है और इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से एनडीए गठबंधन में जाने की अटकलें शुरू हो गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नीतीश कुमार फिर पाला बदलकर एनडीए के खेमे का हिस्सा बन सकते हैं। यह सारी चर्चा दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह के एक इंटरव्यू से शुरू हुई जहां उन्होंने कहा कि यदि प्रस्ताव आया तो हम विचार करेंगे। इससे पहले गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे और सुशील कुमार मोदी जैसे नेताओं के जेडीयू की वापसी को सिरे से खारिज करने के बाद गृहमंत्री का बयान काफी मायने रखता है। अमित शाह के बयान से बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है।
पिछले दिनों जेडीयू और आरजेडी में हुई थी जुबानी जंग
गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक अखबार को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार दोबारा एनडीए के खेमे में आ सकते हैं। जवाब में अमित शाह ने कहा कि यदि प्रस्ताव आया तो हम विचार करेंगे। बता दें कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और जेडीयू गठबंधन में टूट की चर्चा तेज हो गई है। हालांकि, हाल ही में मकर संक्रांति के मौके पर नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से उनके आवास में जाकर मुलाकात ीक थी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इस मुलाकात के बाद आरजेडी के नेता ने बयान दिया कि लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य विधानसभा में सीटों की संख्या के हिसाब से हम बड़े भाई हैं। जवाब में जेडीयू नेताओं ने इसे बड़बोलापन बताया था।
राजधानी पटना में जारी है सियासी गहमागहमी
इस बीच पटना में सियासी गहमागहमी जारी है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के आवास में बीजेपी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विधायकों और सांसदों से अगले आदेश तक राजधानी पटना में ही रुकने को कहा है। इससे पहले बिहार में बीजेपी की सहयोगी हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने अपने विधायकों को 25 जनवरी तक पटना में ही रुकने के लिए कहा था। इधर, आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने बेटे तेजस्वी के साथ सीएम हाउस पहुंचकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। तेजस्वी यादव ने इसे नॉर्मल मीटिंग बताया।