पटना:
रेलवे भर्ती बोर्ड में हुई गड़बड़ी के मामले में CBI लालू यादव के घर पहुंची। बताया जा रहा है कि रेलवे में नौकरी के बदले लालू यादव जमीन ने लेन-देन की थी। जिसे लेकर उम्मीद है कि CBI जल्द ही गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू कर सकती है। जानकारी के अनुसार इस दायरे में नौकरी पाने वाले से लेकर नौकरी देने की प्रक्रिया में शामिल रहे कई लोग हैं। बता दें कि लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे उस दौरान रेल के जिन अफसरों के जरिए ये नियुक्तियां की गईं उनपर भी जल्द ही शिकंजा कसेगा। CBI सिर्फ लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक के कार्यकाल में नियुक्ति मामले में हुई गड़बड़ियों की नहीं बल्कि पूरे 11 साल के अवधि में क्या-क्या हुआ उसकी जांच में भी जुटी है।
अज्ञात लोकसवेकों व गैर सरकारी लोगों पर भी मुकदमा
CBI ने अज्ञात लोकसवेकों व गैर सरकारी लोगों पर भी मुकदमा किया है। दरअसल जांच में जुटी CBI को पटना के महुआबाग के रहने वाले बृजनंदन राय ने 29 मार्च 2008 को पटना में 3375 वर्ग फुट जमीन गोपालंगज के रहने वाले हृदयानंद चौधरी को ट्रांसफर किया। यह जमीन 4 लाख 21 हजार में हृदयानंद को बेची गई। दिलचस्प यह है कि हृदयानंद चौधरी को वर्ष 2005 में पूर्व मध्य रेल हाजीपुर में नियुक्त किया गया था।
जल्द कई गिरफ्तारियां कर सकती है CBI
बताया जा रहा है कि CBI इस मामले में जल्द ही कई गिरफ्तारियां भी कर सकती है। इस दायरे में जमीन देकर नौकरी पाने वाले अभियुक्त तो हैं ही वैसे रेल अधिकारियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है, जो रेल मंत्री रहते लालू के करीबी थे और इन नियुक्तियों में उनकी भूमिका संदेह के दायरे में है।