डेस्क:
बिहार में प्रत्येक दिन सड़क हादसें से कई लोगों की जान चली जाती है। इस मामले में बिहार 78% के साथ दूसरे स्थान पर है। पहले स्थान पर मिजोरम है। जहां 80% हादसों में लोगों की मौत हो जाती है। मतलब यह है कि अगर बिहार में प्रत्येक दिन 100 सड़क हादसें होते है तो उनमें 78 लोग अपनी जान से हाथ धो देते है। इस बात का खुलासा सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की हालिया रिर्पोट से हुआ है।
2020 में सड़क हादसों में 13.7% की कमी आई
बता दें कि ये आंकड़े 2020 के हैं। बिहार में पिछले चार साल में इन मौतों में लगभग 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2017 में जहां 100 सड़क हादसों में 62.7 मौतें हुईं थीं, वहीं 2018 में यह संख्या बढ़कर 70.1 हो गई। 2019 में भी इसमें बढ़ोतरी हुई और यह 72 पर पहुंच गई। हालांकि राष्ट्रीय औसत 36 है। यानी 100 सड़क हादसों में 36 में लोगों की जानें जाती हैं। लॉकडाउन में 13.7% हादसे-11% मौत घटे: देश में 2019 के मुकाबले 2020 में सड़क हादसों में 13.7% की कमी आई। इस दौरान मौत का आंकड़ा भी 11 फीसदी कमा। कोरोना के दौरान लॉकडाउन के कारण ये आंकड़े कम हुए। बिहार की सड़कों पर 2019 में 10007 सड़क हादसे हुए, वहीं 2020 में 8639 हादसे हुए। सड़क हादसों में कमी के कारण इसमें होने वाली ओवर ऑल मौतों में भी कमी आई। इस तरह की मौतों के मामले में बिहार देश में नौवें स्थान पर है।
50 शहरों में पटना का स्थान 43वां
10 लाख से अधिक की आबादी वाले 50 शहरों में बिहार से सिर्फ पटना शामिल है, जहां सबसे ज्यादा दुर्घटना और उसमें मौतें होती हैं। इन 50 शहरों में पटना का स्थान 43 वां है, जबकि टॉप पर चेन्नई है। 2019 में पटना में 524 हादसे हुए, जिसमें मौत की संख्या 192 रही। 2020 में लॉकडाउन के बाद भी पटना 373 हादसे हुए, जिसमें 181 की मौत हुई।
एनएच पर होने वाले हादसें में बिहार पांचवें नंबर पर
वहीं एनएच पर होने वाले हादसें में सबसे अधिक मौते उत्तर प्रदेश में होती है,जबकि बिहार की बात करें तो इस मामले में बिहार पांचवें नंबर पर हैं। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, तीसरे नंबर पर केरल और चौथे नंबर पर राजस्थान है। 2016 में बिहार में एनएच पर हुए हादसे में 2014 मौतें हुई थीं। पांच साल बाद ये संख्या 61% बढ़कर 3285 हो गई। हालांकि 2019 के मुकाबले मौत की संख्या बिहार में 13.7 फीसदी घटी है।