द फॉलोअप डेस्क
बिहार पुलिस अब अपने कामकाजी तरीकों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब यह कहना मुश्किल होगा कि पुलिस सुस्त है या फिर अपराधी पुलिस की पकड़ से बाहर निकल जाते हैं। क्योंकि बिहार पुलिस में अब केवल वे ही पुलिसकर्मी बने रहेंगे, जो शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होंगे। इसका मतलब है कि अगर कोई पुलिसकर्मी अपनी फिटनेस का ख्याल नहीं रखता या किसी गंभीर बीमारी का शिकार है, तो उसे जबरन रिटायर किया जा सकता है। इस उद्देश्य से उठाया गया कदम
यह कदम बिहार पुलिस की कार्यकुशलता और प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। प्रदेश में बढ़ते अपराधों के मद्देनज़र ADG (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अस्वस्थ पुलिसकर्मियों की पहचान करें और आवश्यक प्रक्रिया के तहत उन्हें सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई शुरू करें। इस आदेश का आधार 1978 के पुलिस नियम 809 को बनाया गया है। इसके अनुसार किसी पुलिसकर्मी की स्वास्थ्य स्थिति खराब होने पर उसे जबरन रिटायर किया जा सकता है।फिटनेस पर दिया जाएगा जोर
इसके साथ ही बिहार सेवा संहिता के नियम 74 के तहत भी यदि कोई पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी को स्वास्थ्य कारणों से सही से नहीं निभा पाता, तो उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। इसके अलावा, अब हर महीने होने वाली पुलिस मीटिंग में फिटनेस की अनिवार्यता पर जोर दिया जाएगा। SSP और SP यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पुलिसकर्मी अपनी फिटनेस पर ध्यान दें। यदि किसी को अनफिट पाया गया, तो उसे रिटायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।