द फॉलोअप डेस्क
विशेषज्ञ समिति ने आंध्र प्रदेश लोक सेवा आयोग (APPSC) को सभी प्रतियोगी परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में आयोजित करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि पदों को तकनीकी और गैर-तकनीकी श्रेणियों में विभाजित करने से भर्ती प्रक्रिया सरल हो जाएगी। समिति ने सुझाव दिया कि ग्रुप-I परीक्षा के साक्षात्कार के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) मॉडल अपनाने से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जा सकती है। हाल ही में सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में समिति ने ये 3 मुख्य बिंदु बताए:
1. OMR उत्तर पुस्तिकाओं या लिखित परीक्षा उत्तर पुस्तिकाओं में पारदर्शिता।
2. साक्षात्कार निष्पक्षता के साथ आयोजित करना।
3. परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकना।
बिहार मॉडल की विशेषताएं:
1. नाम गुप्त रखने की प्रक्रिया
उम्मीदवारों को साक्षात्कार के दौरान गुप्त रोल नंबर दिए जाते हैं। बोर्ड को केवल उम्मीदवार की योग्यता और गुप्त रोल नंबर की जानकारी मिलती है। इससे निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित होता है।
2. ऑफलाइन परीक्षा:
तीन सेट के प्रश्नपत्र तैयार होते हैं, जिनमें से एक को परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट पहले चुना जाता है।
प्रश्नपत्र उत्तर पुस्तिका में ही प्रिंट होता है, जिसमें प्रत्येक प्रश्न के लिए अलग स्थान दिया जाता है।
परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाए जाते हैं ताकि इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स को रोका जा सके।
उत्तर पुस्तिकाओं की ऑन-स्क्रीन जांच:
प्रत्येक मूल्यांकनकर्ता को केवल एक प्रश्न जांचने का कार्य सौंपा जाता है।
मूल्यांकनकर्ता अन्य प्रश्नों या उत्तरों को नहीं देख सकते।
आयोग के पास 40 कंप्यूटर सिस्टम वाला एक विशेष मूल्यांकन लैब है।
4. साक्षात्कार प्रक्रिया:
साक्षात्कार बोर्ड के सदस्य और अध्यक्ष को 15 मिनट पहले बोर्ड का गठन बताया जाता है।
साक्षात्कार बोर्ड में एक सदस्य और अन्य राज्य से आए सदस्य होते हैं।
साक्षात्कार अंकों की सीमा 30% से 80% के बीच होनी चाहिए, इससे अधिक या कम होने पर कारण दर्ज करना जरूरी है।
5. अन्य सुधार:
कक्षा-III के पदों के लिए केवल लिखित परीक्षा।
परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल जैमर, बायोमेट्रिक सत्यापन, और फेसियल रिकग्निशन तकनीक से फर्जी उम्मीदवारों को रोका जाता है।
CCTV मॉनिटरिंग के लिए एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।
विशेषज्ञ समिति का मानना है कि बिहार मॉडल अपनाने से APPSC की भर्ती प्रणाली अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बन सकती है।