logo

पटना में बवाल के बाद एक्शन, प्रशांत किशोर समेत 700 लोग पर FIR, बिहार बंद का ऐलान

PK.jpg

द फॉलोअप डेस्कः
70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर पटना में बवाल मचा है। सोमवार को AISA ने बिहार बंद करने का ऐलान किया है। दूसरी ओर रविवार को गांधी मैदान में प्रदर्शन के खिलाफ प्रशांत किशोर समेत 700 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन को लेकर पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मीडिया को बताया कि "गांधी मैदान में प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गयी थी। इसके बावजूद अभ्यर्थी गांधी मैदान में मौजूद हुए थे।" बता दें कि 28 दिसंबर को जनसुराज ने गांधी मैदान में बीपीएससी के खिलाफ छात्र संसद को लेकर आवेदन दिया था, लेकिन पटना प्रशासन से द्वारा आवेदन स्वीकार नहीं किया गया था। 


जिला प्रशासन का कहना था कि किसी भी कार्यक्रम और प्रदर्शन के लिए 45 दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य है। पटना गांधी मैदान में अन्य कार्यक्रम भी आयोजन किए जा रहे हैं। समय से आवेदन नहीं मिलने के कारण गांधी मैदान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बावजूद रविवार को बीपीएससी अभ्यर्थी, शिक्षक और अन्य समर्थक गांधी मैदान का बैरिकेडिंग तोड़कर घुस गए थे। पटना गांधी मैदान में प्रदर्शन के बाद प्रशांत किशोर अभ्यर्थियों के साथ सीएम हाउस तक मार्च निकाल रहे थे। इसको लेकर जेपी गोलंबर पर 100 से अधिक छात्र जुट गए थे। भीड़ के कारण सड़क जाम हो गया था। पुलिस-प्रशासन के समझाने के बावजूद प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं थे। इसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज की।


कहा जाता है कि लाठी चार्ज के बाद प्रशांत किशोर अभ्यर्थी को छोड़कर भाग निकले. जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने खुद माइकिंग कर जानकारी दी कि "आपके नेता(प्रशांत किशोर) लौट चुके हैं। ऐसे में आपलोग लौट जाइये नहीं तो कार्रवाई की जाएगी।" लेकिन अभ्यर्थी नहीं माने और प्रशांत किशोर के जाने से नाराज प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। छात्रों का कहना था कि प्रशांत किशोर अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए छात्रों का इस्तेमाल किया है। 


क्यों हो रहा प्रदर्शन?: 13 दिसंबर 2024 को बीपीएससी पीटी की परीक्षा हुई थी. पटना के बापू केंद्र पर प्रश्न पत्र देर से मिलने का आरोप लगाकर छात्रों ने परीक्षा बहिष्कार कर दिया था. इसके बाद बीपीएससी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए इस केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी और इसे फिर से 4 जनवरी को कराने का फैसला लिया. अन्य केंद्र के अभ्यर्थियों की मांग है कि एक नहीं बल्कि सभी केंद्रों की परीक्षा रद्द करें.