द फॉलोअप टीम, पटनाः
मुजफ्फरपुर में गायघाट प्रखंड के बेनीबाद ओपी क्षेत्र में गुरुवार को बागमती नदी में नाव पलटने से उस पर सवार करीब 35 व्यक्ति डूब गए। 20 लोगों को बचा लिया गया। 13 लापता थे। इनमें अधिकतर स्कूली बच्चे हैं। जानकारी के मुताबिक लापता 13 लोगों की शुक्रवार को भी तलाश जारी रही। इस दौरान तीन शव बरामद कर लिए गए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, लापता हुए 13 लोगों में से 4 वर्षीय अजमत 20 वर्षीय पिंटू सहनी और 40 वर्षीय शमसूल का शव अभी तक मिल गया है। बता दें कि गुरुवार को देर शाम तक गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम इन लापता लोगों को खोजने में लगी रही, मगर किसी का पता नहीं चल सका। अंधेरा होने के चलते अभियान बंद कर दिया गया। इसके बाद शुक्रवार सुबह से लापता लोगों की तलाश शुरू की गई।
गांव वालों के पैसे से बना था नांव
हादसे के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिले में एसकेएमसीएच का निरीक्षण कर रहे थे। बताया जाता है कि नाव ग्रामीणों के सहयोग से डेढ़ लाख रुपये खर्च कर बनवाई गई थी। इस कारण स्थानीय ग्रामीणों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। नाविक को गांव वाले सालाना अनाज व नाव मरम्मत कराने के लिए सहयोग राशि देते थे। जिस समय हादसा हुआ, उस समय नाविक राजू सहनी नाव चला रहा था। नाव की क्षमता 15-20 लोगों की बताई जा रही है। नाव मधुरपट्टी गांव से भटगामा जा रही थी। उस स्थान पर करीब 60 फीट चौड़ी नदी पार करने के लिए इस नाव को बिना पतवार के दोनों किनारे बंधे छह एमएम मोटे तार के सहारे चलाया जा रहा था। भटगामा की ओर नाव लगभग किनारे लग गई थी, मगर घाट में बनी सीढ़ी से टकरा गई। इससे तार से लगे रिंग में बंधी रस्सी टूट गई। रस्सी से नाव को जोड़ा गया था। रस्सी के टूटने से नाव का संतुलन बिगड़ गया। सवार लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में गम का माहौल है। जिन घरों के बच्चे या परिजन लापता हैं, वो नदी किनारे खड़े हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनके परिवार के लोग अब भी जिंदा हो सकते हैं.
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