पटना
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना स्वागत योग्य है, लेकिन इसके पीछे जो राज है, उसे जानना भी जरूरी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को ये जानना चाहिये कि इस तरह की घोषणा चुनाव के पहले ही क्यों की जाती है। कहा कि बिहार में और देश में बहुत लंबे समय से ठाकुर के ये सम्मान देने की मांग की जा रही थी। लेकिन, ये सब बातें चुनाव के 1 से 2 महीने पहले इसलिए किया गया है कि ताकि लोग अपनी 5 साल की समस्या को भूल जायें। दोबारा इन्हीं सब बातों में आकर या बहकर फिर से वही गलती करें, जो उन्होंने पिछले चुनाव के समय की।
वोटरों को ये चेतावनी दी
किशोर ने आगे कहा कि बिहार के लोगों से मैं कहना चाहता हूं कि लोग लगातार ऐसी ही गलती करेंगे तो बिहार की हालत वैसी ही बनी रहेगी जैसे आज है। बिहार ने हर नेता का शासन देखा है, चाहे वो लालू का शासन हो, मोदी का हो या फिर नीतीश कुमार का। पिछले 10 बरस से मोदी शासन में हैं, इससे बिहार में बेरोजगारी में क्या कमी आ गई। इससे पहले जब बिहार में UPA की सरकार थी, तब भी बिहार का यही हाल था। ये बात ही बेईमानी हैं कि किसने बिहार का भला किया और किसकी वजह से बिहार का नुकसान हुआ।
बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य
जनसुराज के मुखिया ने मीडिया से कहा कि जितने भी दल व नेता बिहार में रहे हैं, उन्होंने जो काम किया या करने का दावा कर रहे हैं, उनके विकास कार्यों को सही मान भी लें तो भी इससे क्या फर्क पड़ने वाला है। क्या कोई इस बात से इनकार नहीं कर सकता है कि बिहार देश में सबसे पिछड़ा व गरीब राज्य है। लोगों को इसका आकलन करने की जरूरत है। कहा कि चुनाव से पहले जो घोषणा की जाती है, उसका अर्थ इतना सीधा और सरल नहीं होता है, जितना वो उपर से दिखाई देती है।