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हेल्थ : औषधीय गुणों से भरपूर है मसूर दाल, इतनी तरह से कर सकते हैं इस्तेमाल

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डेस्कः 
मसूर की दाल कई सारे औषधीय गुणों से भरपूर होती है। सेहत के लिए यह दाल बहुत ही फायदेमंद होती है। कार्बोहाइड्रेट और डाइटरी फाइबर इसमें कूट-कूटकर भरा होता है। मसूर दाल के सेवन से वजन कम होता है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम पाई जाती है। पाचन सही रहता है। मसूर की दाल डायबिटीज रोगियों के लिए रामबाण का काम करती है। हड्डियों और स्किन के लिए बेहद लाभकारी होती है। दालें वैसे भी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है। मसूर दाल को लाल मसूर के रूप में भी जाना जाता है। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल होता है। मसूर दाल में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, मिनरल और कार्बोहाइड्रेट भरपूर होते हैं। आज हम आपको मसूर दाल खाने के फायदे बताते हैं। 

मसूर की दाल तीन प्रकार की होती है।
साबुत काली मसूर – यह काले रंग की और आकार में सबसे बड़ी मसूर दाल होती है।
छिलका उतरी मसूर (मलका मसूर) – इसे काली मसूर का छिलका उतार कर प्राप्त किया जाता है। यह दाल गुलाबी या लाल रंग वाली होती है।
दली हुई मसूर – मलका मसूर के दानों पर दबाव डालकर, उसके दो हिस्से कर लिए जाते हैं। यह दाल पकने में कम समय लेती है।

 

मसूर दाल के ये हैं फायदें 
1. इस दाल को खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है जिससे भूख कम लगती है। साथ ही फाइबर की मौजूदगी से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। मसूर दाल में मैग्नीशियम, फाइबर और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं जो दिल के लिए अच्छा है। मैग्नीशियम शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के प्रवाह में सुधार कर सकता है। मसूर की दाल शरीर में बढ़े हुए बैड कोलेस्‍ट्रॉल को कम करती है, जिससे हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।

 
2. इस दाल में फाइबर अच्छी मात्रा में मौजूद होता है तो ये डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है। मसूर की दाल को डाइट में शामिल कर वजन को आसानी से कम कर सकते हैं। मसूर की दाल में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है. इसमें कैलोरी बहुत कम पाई जाती है, जो वजन घटाने में मददगार हो सकती है। 

3. कमजोर हड्डियों की समस्या से अगर आप परेशान हैं तो डाइट में मसूर दाल को शामिल कर सकते हैं। मसूर की दाल में कैल्शियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं। इसमें पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो स्किन के टिशू को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। मसूर की दाल के सेवन स्किन को हेल्दी रखा जा सकता है। 
4. इस दाल में फाइबर के गुण पाए जाते हैं जो डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। यह एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होती है, जिसे खाने से इम्‍युनिटी बढ़ती है। फायदेमंद होने के साथ ही बहुत ही कम समय में आसानी से बन जाती है मसूर दाल। जिसे तड़का लगाए बिना भी खाएं तो स्वादिष्ट ही लगती है। इसे आप रोटी या दाल किसी के भी साथ खा सकते हैं। 

5 मसूर दाल की आप सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। इसे आप पालक के साथ मिलाकर बनाएं। जो मिनटों में तैयार हो जाती है और रोटी-पराठे का मजा दोगुना कर देती है।  इसका सूप बनाना बेहद आसान है। यह स्‍वादिष्‍ट होने के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके लिए मसूर दाल को कुकर में टमाटर और प्याज के साथ डालकर दो से तीन सीटी आने तक पका लें। हल्का ठंडा हो जाए तो मिक्सी में पीस लें और छान लें। चाहें तो ऐसे ही पी लें या फिर करी पत्ते, लहसुन और हरी मिर्च से तड़का लगा लें।

 

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6 खिचड़ी में करें इस्तेमाल
भारतीय संस्कृति में खिचड़ी का बहुत महत्व है। पेट के लिए ये हलका है और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भी। इसे बनाने के लिए कुकर में तेल डालें। उसमें जीरा, हींग और हरी मिर्च से तड़का लगाएं। इच्छानुसार प्याज और टमाटर डाल सकते हैं वरना ऐसे सिंपल भी बना सकते हैं।   

7. मसूर दाल शारीरिक कमजोरी दूर करने के साथ-साथ खून को बढ़ाने का भी काम करती है। स्पर्म क्वालिटी को ठीक करती है। मसूर दाल मसूर दाल में फोलिक एसिड मौजूद रहता है। त्वचा रोगों में लाभकारी अगर आपके चेहरे पर दाग हैं और आंखों में सूजन जैसी समस्या है तो आपको मसूर दाल का सेवन करना चाहिए। कमर और पीठ दर्द ठीक करने में भी सहायक होती है। 
6. कैंसर के लिए मसूर दाल के फायदे
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, मसूर की दाल का सेवन करने से पेट, थायराइड, लिवर, स्तन और प्रोस्टेट सहित कई प्रकार के कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। दरअसल, मसूर की दाल में पाए जाने वाले लेक्टिन (एक प्रकार का प्रोटीन) में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो मसूर की दाल में मौजूद फेनोलिक यौगिकों के साथ मिलकर ट्यूमर के बढ़ने की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं।
8. दिमाग के लिए
लाल मसूर की दाल दिमाग से जुड़ी समस्याओं से बचाने में भी सहायक हो सकती है। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि पार्किंसंस (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ा विकार) के लक्षण जैसे कैटाटोनिया (सामान्य रूप से चलने-फिरने में असमर्थ होना) से बचाव में लाल मसूर की दाल का हाइट्रोअल्कोहॉलिक एक्सट्रैक्ट मदद कर सकता है।

वहीं, इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स मस्तिष्क की रक्त वाहिनियों में खून के बहाव को सुचारू कर सकते हैं, जिससे न्यूरोजेनेसिस (मस्तिष्क में नए ऊतक निर्माण) को बढ़ावा मिल सकता है। इसलिए, मसूर की दाल का सेवन करने से उम्र के साथ-साथ मस्तिष्क को पहुंचने वाली क्षति का जोखिम कम किया जा सकता है 8।

9. मांसपेशियों के लिए
अच्छा शरीर हर क्षेत्र में तरक्की दिलाने में मदद करता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्वों का सेवन जरूरी होता है। इस बात से तो सभी परिचित है कि दाल में अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। प्रोटीन मासंपेशियों के विकास और उन्हें स्वस्थ रखने में मदद करता है 9। इसलिए, मांसपेशियों को मजबूती देने और प्रोटीन की पूर्ति के लिए मसूर की दाल का सेवन किया जा सकता है 10।

10. गर्भावस्था के लिए मसूर दाल के फायदे
गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को कमजोरी की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में मसूर की दाल खाने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिल सकती है, जिससे महिलाओं को कमजोरी से छुटकारा मिल सकता है। मसूर की दाल में कुछ मात्रा में फोलिक एसिड (फोलेट) पाया जाता है, जो गर्भस्थ शिशु और गर्भवती के लिए जरूरी है। फोलेट, शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष (जन्मजात तंत्रिका तंत्र विकार) के जोखिम से दूर रख सकता है। इसलिए, विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन 520 माइक्रोग्राम फोलेट का सेवन करना चाहिए 11। वहीं, 100 ग्राम मसूर दाल में 181–358 माइक्रोग्राम फोलेट पाया जाता है 1। इसलिए, गर्भावस्था में फोलेट की पूर्ति के लिए मसूर की दाल खाने का फायदा हो सकता है।


11. बालों के लिए मसूर की दाल के फायदे
मसूर की दाल खाने के फायदे में से बालों को स्वस्थ रखना भी है। बालों के झड़ने की समस्या लगभग कई लोगों को होती है और इससे बचने के लिए लोग काफी पैसे भी खर्च करते हैं, लेकिन खास फायदा नहीं होता है। वहीं, मसूर की दाल में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो बालों को जड़ों से मजबूत बनाकर उन्हें झड़ने से रोक सकते हैं। इस प्रकार मसूर दाल के उपयोग से बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिल सकती है।

12. चेहरे के लिए बना सकते हैं फेस पैक 
मसूर दाल का यह भी फायदा है कि यह दाल चेहरे को क्लेंज करती है और इससे स्किन की सतह पर जमी गंदगी हट जाती है। इससे स्किन पर नजर आने वाले ब्लैकहेड्स और वाइटहेड्स दूर होते हैं। चेहरा एक्सफोलिएट करने के लिए भी स्क्रब (Scrub) की तरह मसूर की दाल को लगाया जा सकता है। यह दाल त्वचा को नमी देकर स्किन के टेक्सचर को बेहतर करती है। चेहरे से टैनिंग (Tanning) हटाने के लिए भी इसे लगाया जा सकता है। एंटी-एजिंग स्किन केयर में मसूर की दाल का फेस पैक बनाकर लगाया जा सकता है। 
 


मसूर की दाल कितनी मात्रा में खाएं?
विशेषज्ञों के अनुसार, 100 ग्राम या 125 मिलीलीटर (0.5 मीट्रिक कप) पकी हुई दाल प्रतिदिन खाई जा सकती है। दाल की यह मात्रा शरीर को पोषण और ऊर्जा देने में काफी मददगार सिद्ध हो सकती है 


कब करे उपयोग 
मसूर की दाल एक स्वादिष्ट और गुणकारी दाल है। इसका सेवन दोपहर और रात के भोजन में आराम से किया जा सकता है। मसूर की कच्ची दाल को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए इसे एयर टाइट डिब्बे में रखें और समय-समय पर धूप दिखाते रहें। वहीं, पकी हुई मसूर को फ्रिज में रखना चाहिए, इससे दाल में हानिकारक जीवाणुओं के पैदा होने का जोखिम नहीं रहता है। फ्रिज में रखने पर यह दाल 5 दिन तक सुरक्षित रह सकती है। 

मसूर दाल के नुकसान 
 मसूर की दाल में फाइबर होता है, इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में गैस और ऐंठन की समस्या हो सकती है । मसूर दाल के नुकसान से घबराने की आवश्यकता नहीं है। अगर इसका सही मात्रा में उपयोग करते हैं, तो मसूर दाल के फायदे मिल सकते हैं। शारीरिक समस्याओं से बचे रहने के लिए आप सीमित मात्रा में मसूर की दाल का सेवन कर सकते हैं। 
फाइबर का अधिक सेवन शरीर द्वारा आयरन, जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे खनिजों के अवशोषण को बाधित कर सकता है। अधिक दाल का सेवन करने से इसमें मौजूद फाइबर पेट खराब कर सकता है। हां, मसूर की दाल ग्लूटन फ्री होती है, लेकिन इसे पकाते समय कुछ सामग्रियां इसमें ग्लूटन की मात्रा पैदा कर सकती है। इसलिए, अगर कोई ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील है, तो कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करे। अधपकी मसूर दाल का अधिक मात्रा में सेवन करने से गुर्दे की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए, इसे हमेशा अच्छी तरह पका कर खाएं। 
मसूर की दाल को एसिडिक पदार्थों की श्रेणी में रखा जाता है, इसलिए इसका अधिक मात्रा में सेवन एसिडिटी का कारण बन सकता है 1