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दवा का दुष्प्रभाव : 25 सालों से नहीं सोया यह व्यक्ति, नींद के लिए तड़पता है! 

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सन्नी शारदः

क्या आप इस बात पर यकीं कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति पिछले 25 सालों से सोया ही नहीं। उसकी पलकें 25 साल से झपकी नहीं। जाहिर है एक साधारण आदमी के लिए यकीं करना मुश्किल होगा लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पुरानी रांची के रहने वाले एक शख्स की पलकें पिछले 25 सालों से झपकी ही नहीं। उसे सोने के लिए बड़ी मशक्क्त करनी पड़ती है।    

कौन है वह आदमी 

पुरानी रांची बड़ा तालाब के नजदीक रहने वाले अमर वर्मा के साथ ऐसा हुआ है। 1996 के बाद से अमर वर्मा ने अपनी आँखों की पलकें नहीं झपकी हैं। इससे उन्हें कई तरह की समस्याएं हो रही है।  एक तो अब उन्हें धीरे - धीरे कम दिखाई देने लगा। साथ ही उन्हें सोने से पहले भी बहुत मशक्क्त करनी पड़ती है। फिर भी वह सो नहीं पाते। अमर वर्मा अपने घर के ही सामने एक छोटे सी गुमटी पर दुकान चलाते हैं। लेकिन उसकी कमाई से भी उनके घर का खर्चा नहीं चल पाता। अमर वर्मा की पत्नी को घर चलाने के लिए दूसरों के घर काम करना पड़ता है। अमर वर्मा ने द फॉलोअप को बताया कि उनकी दो बेटी और दो बेटा है।    


 

कैसे हो गया ऐसा 

अमर वर्मा बताते हैं कि 1996 से पहले उनकी जिंदगी एक सामान्य आदमी की ही तरह थी। वह देखने में सुन्दर थे और आम व्यक्ति की ही तरह उनकी पलकें भी झपकती थीं।  साल 1996 में ही उनके पैर में दर्द शुरू हुआ। उसने काम करना बंद कर दिया। उसके बाद उन्होंने रिम्स में इसका इलाज कराया। अमर बताते हैं कि पैर के इलाज के दौरान ही एक दवा रिएक्शन कर गई। उसके बाद से आँखों में दिकक्त शुरू हो गई। शहर के कई बड़े आँखों के डॉक्टर को दिखाया लेकिन ठीक नहीं हो सका।  नेताओं के पास मदद के लिए गया लेकिन निराशा हाथ लगी।    

सरकार से अब भी उम्मीद 

अमर वर्मा की पत्नी बताती हैं कि कई लोगों के पास मदद के लिए गई ताकि बाहर किसी अच्छे अस्पताल में इलाज कराया जा सके लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। वह कहती हैं कि सरकार से कोई अधिक मदद नहीं चाहिए बस मेरे पति के आँखों को वह ठीक करवा दे। क्योंकि उनका आँख ख़राब होने के कारन घर की स्थिति बहुत ही ख़राब हो गई है। 

क्या कहते हैं डॉक्टर 

डॉक्टरों के अनुसार कई स्थिति में ऐसा हो जाता है।  देश दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिनकी पलकें नहीं झपकती है. बाद में पलक नहीं झपकने के कारण कॉर्निया पर असर पड़ता है और देखने की क्षमता भी कम होने लगती है।