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कोई पैसे बांट रहा है तो ले लो, लेकिन वोट कांग्रेस को ही देनाः हेमंत सोरेन 

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रांचीः 
रामगढ़ उपचुनाव को लेकर सभी प्रत्याशी अपना-अपना प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं। कांग्रेस और आजसू में कांटे की टक्कर दिख रही है। इसी बीच रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो का समर्थन करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी और आजसू पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बजरंग महतो के लिए वोट तो मांगे ही साथ ही जीत का दावा किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा मैंने सुना है कि कुछ लोग गांव-गांव में जाकर पैसे बांटने का काम कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो वह पैसे ले लो लेकिन वोट हाथ छाप पर ही देना। आगे उन्होंने कहा कि झारखंडियों को उनकी ताकत का एससास दिलाना पड़ता है। जब डबल इंजन की सरकार थी तब यह लोग भी नेता थे, ये आजसू के लोग भी मंत्री बनकर बैठे हुए थे। उस समय से लेकर आज तक 11 उपचुनाव हुए। 2015 से लेकर आज तक। डबल इंजन की सरकार में भी उपचुनाव हुआ। अभी हमारी सरकार में भी चार उपचुनाव हुआ। 11 उपचुनाव में हम 10 उपचुनाव जीते हैं और वह लोग एक। वो भी गोड्डा का उप चुनाव जीता है। मैं तो दावा के साथ कहता हूं कि ये रामगढ़ उपचुनाव भी हम ही जीतेंगे। मैं आपको 200% कह देता हूं कि आप लोग लिख लीजिए इस बार बजरंग महतो भारी से भारी मतों से जीत दर्ज करेंगे। सीएम ने कहा कि आजसू पार्टी मुश्किल से एक या दो विधायक जीत पाती है लेकिन सत्ता का सुख भोगने के लिए सरकार को ब्लैकमेल करती है।

यह व्यापारियों की पार्टी है

यह ठेकेदारों का पार्टी, व्यापारियों का पार्टी, शोषण करने वाला आदिवासियों का, दलितों का, पिछड़ों का। अलग राज्य जब हुआ था तो यहां के ओबीसी को 27% आरक्षण था लेकिन इन बेईमानों ने 27% आरक्षण को काटकर 14% कर दिया और यह लोग ओबीसी की आरक्षण की बात करते हैं। इनका खाने का दांत कुछ और है दिखाने का दांत कुछ और है। यह लोग इस तरीके से आप के बगल में आकर खड़े हो जाएंगे। आपके चाचा, मामा रिश्तेदार बनकर आप को बेवकूफ बनाएंगे। हम लोग तो बहुत करीब से इनको जानते हैं। सीएम ने कहा हमको यह बात समझ में आज तक नहीं आया कि जो लोग गुजरात चलाता है। वही लोग इस राज्य को चला रहा था। जो लोग महाराष्ट्र चला रहा था वही लोग इस राज्य को चला रहा था। जो लोग देश चला रहा है वही लोग इस इस राज्य को चला रहा था। वह लोग तो आगे बढ़ गये तो फिर यह राज्य पीछे क्यों चला गया। क्या हुआ जरा हमको यह बता दीजिए। हमको यह समझ में नहीं आया। जो लोग गुजरात चला कर आगे बढ़ा दिया। उन लोगों ने इस राज्य को कहां धकेल दिया। वह इसलिए क्योंकि गुजरात गुजराती चलाता है, महाराष्ट्र महाराष्ट्रीयन चलाता है, उड़ीसा उड़िया लोग चलाता है और झारखंड छत्तीसगढ़िया चलाता है। लेकिन अब वह समय चला गया। अब यहां मूलवासी रहेगा यहां का सरकार चलाएगा। अपने हाथों से चलाएगा। जो 1932 की बात करेगा इस राज्य में राज करेगा। ये लोग बोलता है कि हम लोग 1932 लेकर आए थे। हमने कहा हां आप लेकर आए थे। वह ऐसा 1932 लेकर आया कि लोग एक दूसरे का खून का प्यासा हो गया। अनेक लोगों की जान चली गई लेकिन हमने ऐसा कानून बनाया कि इस कानून का स्वागत ढोल नगाड़े के साथ हुआ। रंग, गुलाल, अबीर के साथ होता है। हमारे कानून और उसके कानून में यही फर्क है।