द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस वार्ता की और कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारियां दी। लव अग्रवाल ने ये भी बताया कि अति-जोखिम श्रेणी वाले देशों से आने वाले यात्रियों के लिए किन बातों का ध्यान रखा जायेगा। जो नये केस भारत में आए हैं उनकी निगरानी किस प्रकार की जायेगी। जीनोम सिक्वेंसिंग को लेकर क्या रणनीति होगी।
सभी विदेशी यात्रियों की होगी अनिवार्य जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि जोखिम वाले देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन पर आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होगा। यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका इलाज प्रबंधन प्रोटोकॉल के तहत किया जायेगा। यदि टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आती है तो शख्स को सात दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा। जो नए केस सामने आये हैं उनके सभी संपर्कों की पहचान कर ली गई है। उनको निगरानी में रखा गया है।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करेंगे
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि विदेश से आने वाले जो लोग कोरोना संक्रमित पाये जाएंगे उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं पाया गया है। ओमिक्रॉन स्ट्रेन से संक्रमित जो मरीज मिले हैं उनमें काफी हल्के लक्षण मिले हैं। देश और दुनिया में जो भी मामले सामने आए हैं उनमें कोई गंभीर लक्षण नहीं मिला है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि तमाम तथ्यों की जांच की जा रही है। स्टडी के आधार पर ही कोई भी फैसला किया जायेगा।
वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने की जरूरत
इस बीच नीति आयोग के स्वास्थ्य-सदस्य ने वीके पॉल ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन की रफ्तार बढ़ाए जाने की जरूरत है। ओमिक्रॉन की सावधानी पूर्वक जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो भी तथ्य या सबूत मिले हैं उसके आधार पर तकनीशियन और वैज्ञानिकों में हलचल है। लव अग्रवाल ने कहा है कि लोगों को सावधानी बरतनी होगी।