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सेना का फर्जी इंजीनियर बनकर देते थे नौकरी दिलाने का झांसा, गिरोह के 4 शातिर पकड़े गये 

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जमशेदपुर 

जमशेदपुर में एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो सेना के फर्जी मुख्य अभियंता बनकर सरकारी नौकरियां दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें बोकारो के आदर्श नगर निवासी मनीष कुमार उर्फ अभय कुमार, दीपराज कुमार भट्टाचार्य उर्फ सोनू, आसनसोल निवासी दिनेश कुमार और मंतोष कुमार महाली शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारतीय सेना के दो फर्जी आईडी कार्ड, आर्मी की मुहर, बिना नंबर की कार, टॉय गन और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं।


एसएसपी किशोर कौशल ने बताया कि यह गिरोह रेलवे और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करता था। उम्मीदवारों से कुल राशि का दस प्रतिशत अग्रिम भुगतान ऑनलाइन लिया जाता था, और फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के बाद शेष राशि वसूली जाती थी। एक नियुक्ति के लिए यह गिरोह चार से पांच लाख रुपये तक वसूलता था। आरोपी आसनसोल के रेलवे अस्पताल में फर्जी मेडिकल परीक्षण भी कराते थे, ताकि उम्मीदवारों को नौकरी वास्तविक होने का विश्वास दिलाया जा सके।
पुलिस जांच में पता चला है कि 2022 से अब तक इस गिरोह के बैंक खातों में दो करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। आर्मी इंटेलिजेंस भी इस गिरोह की गतिविधियों पर नजर रख रही थी। पुलिस ने बोकारो, आसनसोल और रांची से आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे नौकरी के नाम पर किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या संस्था को पैसे न दें और सतर्क रहें, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सके।


 

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