द फॉलोअप डेस्क
झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि कल विधानसभा का पहला सत्र समाप्त हुआ और विधानसभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हुआ। दिल्ली में केंद्र सरकार की कैबिनेट की बैठक में लोकतंत्र के खिलाफ काला निर्णय लिया, वो है एक देश एक चुनाव, 1950 के 26 जनवरी को जब बाबा साहब के संविधान को आत्मसात कर रहे थे तो उनके संबोधन को लोकतंत्र पसंद लोगों के कानों में वो अंतिम वाक्य गूंजता होगा, ये देश अधिनायक वादी और तानाशाही न बन जाए।
उन्होंने कहा कि संविधान के आर्टिकल 368 में कहा गया है, संविधान के संशोधन में कोई मूल भूत परिवर्तन नहीं होगा, लेकिन अगर होता भी है तो दो तिहाई से पारित होना चाहिए, राज्य के तीन चौथाई राज्यों के द्वारा होना चाहिए। लेकिन हमने जब कैबिनेट का प्रस्ताव देखने का काम किया तो उसमें तीन चौथाई तो क्या अब 50% की भी आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे देश में कई राज्य में लेजिस्लेटिव काउंसिल है, वैसे परिस्थिति में वन नेशन वन इलेक्शन संविधान की हत्या है, बाबा साहब के भारत गणराज्य के परिकल्पना की हत्या है। आर्टिकल 333 कहता है एक सदन से दूसरा सदन 6 माह में बुलाना होगा, वो आर्टिकल भी आप समाप्त करना चाहते हैं। क्या ये संघीय ढांचा पर आघात नहीं होगा, केंद्र राज्य की हम बात करते हैं, कानून बनाने की शक्ति केंद्र और राज्य को है कुछ मामले में दोनों को है क्या वो शक्तियां समाप्त नहीं हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन क्या क्षेत्रीय पार्टी को समाप्त करने की साजिश नहीं है। बहुत भयानक अंधेरे की तरफ हम लोग जा रहे हैं ,पूरी करवाई भारत के बुनियादी सवालों से मुंह मोड़ने के लिए है , ये जो सोच है मनु स्मृति की सोच है , सत्ता श्रेष्ठता की सोच है , 2025 आर एस एस का 100 वर्ष है। आज जरुरत है जहां भी लोकतंत्र के पहरेदार हैं आज एकत्रित हो जाएं , और इस प्रस्ताव का बीजेपी के साथ के क्षेत्रीय पार्टियां भी अपना खतरा भांप पर अपने आप को अलग कर लें।