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JSSC-CGL को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत ने कही बड़ी बात, बोले- वास्तविकता का कहीं अता-पता नहीं, बस मीडिया ट्रायल चल रहा

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द फॉलोअप डेस्कः
आज रांची के जैप-1 ऑडिटोरियम डोरंडा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति पत्र सौंपा। इस दौरान सीएम हेमंत ने कहा कि अभी आपलोगों ने सुना ही उत्पाद सिपाही की नियुक्ति हुई। मुझे लगता है कि कोरोना के बाद यह शारीरिक दक्षता वाला पहला एग्जाम रहा। इसमें दर्जन भर से ज्यादा नौजवानों ने जान गंवा दी। इसके लिए हम बहुत उदास हैं। हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है कि इसके तह तक जाने का हमारा प्रयास रहेगा क्योंकि झारखंड के युवा इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं कि वह 10 किलोमीटर चल ना सके। हमने इसके लिए मदद मांगी है कि इसकी विस्तृत जांच हो कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों की मौत हुई। अभी एक एग्जाम हुआ है जेएसएससी का। उसमें मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्तविकता का अता पता नहीं है। खबरों में, मीडिया में सरकार को कितना कालिख पोत सके लोग लगे हुए हैं। हमलोगों ने बिल्कुल संकल्पित होकर काम किया है। उसी का नतीजा है कि अब निरंतर हमलोग नियुक्तियां कर रहे हैं। 


सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि सरकार और राज्य की व्यवस्था किसी एक माध्यम से नहीं चल सकता है। जबतक सभी क्षेत्रों के लोग राज्य के विकास के पहिए को खीचेंगे तभी राज्य के सर्वांगीण विकास के बात पूरी हो सकेगी। आप सबको पता है कि एक लंबी लड़ाई के बाद राज्य अलग हुआ। राज्य अलग हुए 25 साल हो रहे हैं। कई वर्षों तक तो झारखँड और बिहार में कैडर भी विभाजित नहीं हो पाई थी। ऐसी स्थिति में टेंप्रोरी व्यवस्था से चीजों को चलाया गया। धीरे-धीरे कैडर विभाजन के साथ-साथ नियुक्ति की भी प्रक्रिया शुरू हुई। कई जगह नियुक्तियां राज्य अलग होने के तुरंत बाद होनी चाहिए थी, वो अब तक नहीं हो पाई थी। कई संवर्ग के नियुक्ति नियमावली का नहीं बनना देश का मुख्य कारणों में से एक रहा। 2019 में हमलोगों ने सरकार संभाला तो स्थिति ऐसी रही कि राज्य के विकास की बात तो छोड़िए राज्य में हमलोग जिंदा कैसे रहे इसपर हमलोग चिंतत रहने लगे थे। कोरोना महामारी आपलोगों ने देखा। 2 साल तक उठा पटक होने लगा। धीरे-धीरे कोरोना का बादल छंटा। विभाग वार समीक्षा हुई तो पता चला कि कई संवंर्ग की नियुक्ति नियमावली भी नहीं है। कई लोग बहाल हुए तो उनकी बहाली में उलझने भी आ गई। कुछ वास्तविक उलझन रही कुछ दिखावे की उलझन रही। 


सीएम हेमंत ने कहा कि इस राज्य को कई तूफानों का सामना करना पड़ा। कई हिचकोले खाने पड़े। फिर हमलोगों ने सभी विभागों के अंदर सभी संवंर्ग के नियमावली बनाने लगे। हमलोगों ने जेपीएससी की परीक्षा कंडक्ट कराया है। देश में उसका रिकॉर्ड रहा है कि सबसे कम समय में हमने उसका रिजल्ट प्रकाशित कर बीडीओ, सीओ, कलक्टर बनाने का काम किया। कई बार हमलोगों ने नियुक्त पत्र बांटे। बांटने के बाद एक नई समस्या खड़ी होती है कि अब इनको पदस्थापन करना है। विभाग में उथल-पुथल होता है। कई बार हमलोगों ने ऐसी नियुक्ती पत्र बांटा कि नियुक्ती पत्र के साथ-साथ पदस्थापन की जगह भी लॉटरी के माध्यम से मिलता था। हमारी प्रयास रही है कि हर चीज पार्दशितता से हो। न्याय संगत हो। हमलोगों के लिए सभी चाहे राज्य के उच्चतम पदाधिकारी हों चाहे चपरासी हो सभी को देखने का एक ही नजरिया है। बिखरे हुई चीजों को हम समेटने में लगे हैं। सभी को एक व्यवस्थित ढंग से चीजें आगे बढे़ इसपर हमलोगों का फोकस रहा है। 

हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि आज इस नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में सबसे अधिक शिक्षकों की संख्या दिख रही है। आज आपलोगों के लिए उत्साह का विषय है। हमें खुशी है कि आप अब सरकार के मजबूत कड़ी के रूप में जुड़ेंगे। शिक्षक हमेशा हमारे प्राथमिकता में रहे हैं। शिक्षा का क्षेत्र अत्यंत महत्पूर्ण है। हमलोगों ने सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया है। आज भी कई बच्चे हैं जो प्राइवेट स्कूल में जाने की चाह रखते हैं। लेकिन आर्थिक तंगी के चलते नहीं जा पाते हैं। अब हमारा प्रयास है कि उस आर्थिक तंगी को हम मिटाए। निश्चित रूप से जिस तरह से हम आगे बढ़ रहे हैं उसमें हमारे कदम ना रुके। विभाग ने बड़ी मशक्कत से इस नियुक्ति को इस मकाम तक पहुंचाया है।